Nithyananda News : सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर
Nithyananda News : खुद को संत बताने वाले और भारत से फरार नित्यानंद की मौत की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। 1 अप्रैल को कई समाचार पोर्टलों और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि नित्यानंद अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस खबर के बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया, लेकिन इस बीच उनके द्वारा स्थापित तथाकथित देश “कैलासा” ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इन सभी दावों को गलत बताया।
कैलासा का आधिकारिक बयान
कैलासा के प्रवक्ता के अनुसार, नित्यानंद पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित हैं। उन्होंने हाल ही में 30 मार्च 2025 को उगादी उत्सव में हिस्सा लिया था, जिसका लाइव स्ट्रीम भी हुआ था। प्रवक्ता ने दावा किया कि कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया अकाउंट्स जानबूझकर गलत जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने इसे न केवल झूठा बल्कि अपमानजनक भी करार दिया।
अप्रैल फूल या पब्लिसिटी स्टंट?
कई लोगों ने इस खबर को अप्रैल फूल का मजाक बताया, तो कुछ ने इसे नित्यानंद द्वारा खुद को सुर्खियों में बनाए रखने का एक और हथकंडा करार दिया। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस मामले को लेकर व्यंग्यपूर्ण टिप्पणियां कीं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “नित्यानंद मरे या जिंदा हों, लेकिन उनका कैलासा एक बड़ा धोखा है, और इसका सच सामने आना चाहिए।”
नित्यानंद का विवादित अतीत
नित्यानंद का असली नाम राज शेखरन है और वह एक विवादास्पद स्वयंभू संत हैं। उन पर बलात्कार, यौन शोषण और बच्चों के अपहरण जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। 2019 में भारत से फरार होने के बाद उन्होंने कथित रूप से एक अलग देश “कैलासा” की स्थापना का दावा किया था।
कैलासा: एक रहस्यमयी दावा
नित्यानंद ने दावा किया था कि “कैलासा” दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर स्थित है। हालांकि, इसकी कोई ठोस जानकारी या आधिकारिक मान्यता नहीं है। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र में भी कैलासा को मान्यता देने से इनकार कर दिया गया था।
अब भी कानून की पकड़ से बाहर
नित्यानंद का ठिकाना आज भी रहस्य बना हुआ है। भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां उनकी तलाश में हैं, लेकिन अब तक वह कानून की पकड़ से बाहर हैं। उनकी कथित मृत्यु की खबरों ने एक बार फिर उन्हें चर्चा में ला दिया है, लेकिन सच्चाई क्या है, यह अब भी अनिश्चित बना हुआ है।
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