Noshir Gowadia Spy Case: मुंबई में जन्मे नोशीर गोवाडिया ने अमेरिका में बनाई शानदार करियर, लेकिन चीन को तकनीकी जानकारी बेचने के आरोप में हुए गिरफ्तार
Noshir Gowadia Spy Case: भारतीय मूल के एयरोनॉटिकल इंजीनियर नोशीर गोवाडिया का नाम एक समय अमेरिका की डिफेंस टेक्नोलॉजी में सबसे भरोसेमंद लोगों में शुमार था। लेकिन वही गोवाडिया बाद में अमेरिका के B-2 स्टील्थ बॉम्बर प्रोजेक्ट से जुड़ी गोपनीय जानकारियां चीन को बेचने के आरोप में दोषी पाए गए। यह मामला अब फिर से चर्चा में है क्योंकि कई नई खुफिया रिपोर्ट्स इस केस से जुड़े तथ्यों को उजागर कर रही हैं।
कौन थे नोशीर गोवाडिया?
1944 में मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मे गोवाडिया ने 1960 के दशक की शुरुआत में अमेरिका का रुख किया था। उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा प्राप्त की और फिर अमेरिका की डिफेंस कंपनी Northrop Grumman में नौकरी हासिल की — वही कंपनी जो B-2 Stealth Bombers बनाती है। गोवाडिया ने इस परियोजना में प्रोपल्शन सिस्टम डिजाइन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कैसे बने अमेरिका के लिए खतरा?
जांच एजेंसियों के अनुसार, गोवाडिया ने 2002 से 2005 के बीच चीन, जर्मनी, इज़राइल और स्विट्ज़रलैंड को गोपनीय रक्षा जानकारी बेची। इसके बदले उन्हें बड़ी धनराशि, आलीशान जीवनशैली और विदेशी यात्राएं मिलीं। FBI और अमेरिकी न्याय विभाग ने उन्हें 2005 में गिरफ्तार किया था। 2010 में उन्हें 32 साल की जेल की सजा सुनाई गई।
क्या था गोपनीय डेटा?
- B-2 बॉम्बर की इंफ्रारेड सिग्नेचर को कैसे कम किया जाए, इसकी तकनीक
- स्टील्थ तकनीक की डिज़ाइन स्ट्रैटेजी
- मिशन पर आधारित एनालिसिस डेटा, जो उच्च स्तर की सुरक्षा में रखा जाता है
अमेरिका में बना राष्ट्रीय सुरक्षा का बड़ा मामला
नोशीर गोवाडिया का मामला अमेरिका के सबसे बड़े रक्षा लीक मामलों में से एक माना जाता है। यह न केवल सुरक्षा तंत्र की कमजोरी को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे उच्च प्रशिक्षित वैज्ञानिक भी लालच या राजनीतिक कारणों से देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।