Odisha Raid | भारत में आयकर विभाग की कार्रवाईयों की चर्चा अक्सर होती है, लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो इतिहास बना देती हैं। ऐसी ही एक ऐतिहासिक इनकम टैक्स रेड ने पूरे देश को हैरान कर दिया था। यह रेड न केवल नकदी की भारी बरामदगी के लिए मशहूर हुई, बल्कि इसे गिनने में लगने वाले समय ने भी रिकॉर्ड कायम किया।
352 करोड़ रुपये की नकदी: 10 दिनों तक चली गिनती
यह ऐतिहासिक आयकर रेड पिछले साल ओडिशा में हुई थी। इस रेड में कुल 352 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई। नकदी की गिनती के लिए तीन दर्जन से अधिक नोट गिनने वाली मशीनों का इस्तेमाल किया गया। इस काम में बैंकों के कर्मचारी और उनकी मशीनें भी शामिल रहीं। गिनती पूरी होने में पूरे 10 दिन लग गए, जिसके बाद कुल 351.8 करोड़ रुपये की नकदी की पुष्टि हुई।
कौन था इस रेड का मुख्य केंद्र?
यह रेड ओडिशा के कांग्रेस सांसद धीरज साहू के आवास पर की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि धीरज साहू ने सरकार को 150 करोड़ रुपये का आयकर भी अदा किया था। यह रेड न केवल भारी नकदी की वजह से, बल्कि कार्रवाई के दायरे और आयकर विभाग की कुशलता के लिए भी आज तक याद की जाती है।
आयकर विभाग की सराहनीय पहल
भारत में आयकर विभाग के 165 साल पूरे होने के अवसर पर इस रेड में शामिल टीम को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जाती है और इसे आयकर अधिकारियों की मेहनत और ईमानदारी का प्रतीक कहा जाता है।
क्यों थी यह रेड ऐतिहासिक?
- नकदी की भारी मात्रा: 352 करोड़ रुपये की नकदी अब तक भारत में बरामद हुई सबसे बड़ी रकम थी।
- लंबी गिनती प्रक्रिया: इस रकम को गिनने में 10 दिन और कई मशीनों का इस्तेमाल हुआ।
- सरकार को भारी कर वसूली: इस रेड के बाद 150 करोड़ रुपये का कर भी चुकाया गया।
एक मिसाल बनी यह रेड
भारत में आयकर विभाग की इस कार्रवाई ने कई रिकॉर्ड तोड़े और इसे विभाग के इतिहास में मील का पत्थर माना गया। इस रेड ने यह भी साबित किया कि भ्रष्टाचार और कर चोरी पर कड़ी नजर रखने के लिए आयकर विभाग कितनी गंभीरता से काम करता है।
यह कार्रवाई आज भी देश में सबसे बड़ी आयकर रेड के तौर पर जानी जाती है और आने वाले वर्षों तक इसे एक मिसाल के रूप में याद किया जाएगा।