Sambhal Violence || उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम रविवार सुबह मौके पर पहुंच गई। टीम ने घटनास्थल का मुआयना शुरू कर दिया है।
जांच के मुख्य बिंदु
न्यायिक आयोग की यह टीम चार प्रमुख बिंदुओं पर अपनी जांच केंद्रित करेगी:
- हिंसा की साजिश: क्या यह हिंसा किसी सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी?
- पुलिस व्यवस्था: हिंसा के समय पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त थी या नहीं?
- हिंसा के कारण: हिंसा किन परिस्थितियों में और क्यों हुई?
- भविष्य के उपाय: ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
घटना का विवरण
बीते 24 नवंबर को जामा मस्जिद के दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सुरक्षा और प्रतिबंध
जांच टीम के आगमन से पहले मस्जिद और आसपास के क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। साथ ही निषेधाज्ञा को 1 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है।
न्यायिक आयोग की टीम
इस हिंसा की जांच के लिए यूपी सरकार ने रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। टीम में रिटायर्ड आईपीएस एके जैन और रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन शामिल हैं।
जांच टीम इन प्रमुख बिंदुओं पर गहनता से अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।