One Nation, One Election Bills: ओवैसी ने संसद में बिल का किया कड़ा विरोध
One Nation, One Election Bills: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को संसद में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इस प्रस्ताव को संघीय ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।
संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला
ओवैसी ने कहा कि यह बिल राज्यों की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर करता है। उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 में निहित स्व-शासन के अधिकारों का उल्लंघन बताया।
उन्होंने तर्क दिया कि, “यदि किसी विधानसभा को भंग कर मध्यावधि चुनाव कराए जाते हैं, तो उस विधानसभा का कार्यकाल पांच साल पूरा नहीं कर पाएगा। यह स्वयं में संसदीय लोकतंत्र का उल्लंघन है, जो एक तय कार्यकाल वाली विधायिका की परिकल्पना करता है।”
क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व खतरे में
ओवैसी ने आशंका जताई कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का प्रावधान क्षेत्रीय दलों के अस्तित्व को समाप्त कर देगा और राज्यों को केवल केंद्र का अधीनस्थ बना देगा। उन्होंने कहा, “राज्यों को संघीय ढांचे में केंद्र के सहायक के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह हमारे लोकतंत्र और विविधता के खिलाफ है।”
संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की अपील
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि इस बिल को लागू करना न केवल संघीय ढांचे को कमजोर करेगा, बल्कि यह राज्यों के अधिकारों और संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी प्रहार होगा। उन्होंने संसद से अपील की कि इस बिल पर गंभीर विचार किया जाए और इसे संघीय ढांचे की भावना के अनुरूप परखा जाए।
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