नई दिल्ली । केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 लोकसभा में पेश किया। बिल पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है… विधेयक को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं। औवसी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि यह विधेयक इसका सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं। वहीं बिल पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने अपनी बात रखी। यह बिल जो पेश किया जा रहा है, वहां बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है…अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा….मैं इस बिल का विरोध करता हूं।
अखिलेश जी, आप स्पीकर के अधिकार के नहीं हो संरक्षक: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अखिलेश के दावों का जवाब देकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते..आप नहीं हो स्पीकर के अधिकार के संरक्षक। कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध कर कहा, यह विधेयक संविधान पर एक मौलिक हमला है.. विधेयक के माध्यम से वे यह प्रावधान हो रहा हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होगा। यह धर्म की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है…इसके बाद ईसाइयों, फिर जैनियों का नंबर आएगा…भारत के लोग अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का विरोध कर एनसीपी शरद गुट