PAN 2.0 Project || केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में 1,435 करोड़ रुपये की पेन 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य परमानेंट अकाउंट नंबर (पेन) को सभी सरकारी डिजिटल सिस्टम के लिए एक कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर बनाना है। इसके तहत, पेन कार्ड को मुफ्त में क्यूआर कोड के साथ अपग्रेड किया जाएगा, जिससे डिजिटल सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में लिया गया फैसला
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक में लिया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स को बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करना है। पेन/टेन सर्विस के टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन ट्रांसफॉर्मेशन के जरिए, इस परियोजना के तहत टैक्सपेयर्स रजिस्ट्रेशन और सर्विस डिलीवरी को अधिक आसान और तेज बनाया जाएगा।
मौजूदा सिस्टम का उन्नत संस्करण
पेन 2.0 प्रोजेक्ट मौजूदा पेन/टेन 1.0 इकोसिस्टम का उन्नत रूप है। देश में फिलहाल लगभग 78 करोड़ पेन जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 98% पेन व्यक्तिगत स्तर पर हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिए टैक्सपेयर्स को एक अधिक कुशल, पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।
पेन कार्ड की बढ़ती जरूरत
पेन कार्ड, 10 अंकों का एक अनूठा पहचान नंबर है, जिसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है। यह भारतीय नागरिकों के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है, जिसका उपयोग वित्तीय और पहचान संबंधी कार्यों में होता है। बैंक खाता खोलने, प्रॉपर्टी खरीदने और आयकर से संबंधित कामों के लिए पेन कार्ड अनिवार्य है।
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
यह प्रोजेक्ट न केवल ई-गवर्नेंस को मजबूती देगा, बल्कि टैक्सपेयर्स और सरकारी एजेंसियों के बीच की प्रक्रिया को भी सरल और प्रभावी बनाएगा। क्यूआर कोड से लैस अपग्रेडेड पेन कार्ड से देश में डिजिटल सेवाओं को नई ऊंचाई मिलेगी, जिससे ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को गति मिलेगी।