संविधान और विचारधारा की लड़ाई: राहुल गांधी का आरएसएस पर प्रहार
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर तीखा हमला करते हुए भारत के संस्थानों पर व्यवस्थित कब्जे का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि अब कांग्रेस की लड़ाई केवल राजनीतिक विरोधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय राज्य की मशीनरी के खिलाफ भी है।
नई कांग्रेस मुख्यालय से उठी आवाज
दिल्ली में नए कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर राहुल गांधी ने कहा, “हमारी लड़ाई निष्पक्ष नहीं है। बीजेपी और आरएसएस ने देश की लगभग हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। यह केवल एक राजनीतिक संघर्ष नहीं, बल्कि वैचारिक संघर्ष भी है।”
विचारधाराओं के टकराव पर जोर
राहुल गांधी ने भारत में दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं की चर्चा करते हुए कहा कि एक तरफ संविधान के मूल्यों का प्रतिनिधित्व है, और दूसरी ओर आरएसएस की विचारधारा। उन्होंने इसे भारत में चल रही मुख्य लड़ाई करार दिया।
भागवत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में दिए गए बयान पर राहुल गांधी ने कहा, “यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर भारतीय का अपमान है। यह देशद्रोह के समान है।” उन्होंने भागवत पर स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के मूल्यों का अपमान करने का आरोप लगाया।
तिरंगे और संविधान का सम्मान
राहुल गांधी ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग न तो तिरंगे को सलाम करते हैं और न ही संविधान का सम्मान करते हैं। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर चुनिंदा लोगों के नियंत्रण के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की आवाज दबाने का आरोप लगाया।
चुनाव आयोग पर सवाल
महाराष्ट्र चुनाव में अनियमितताओं का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “एक करोड़ नए मतदाताओं का अचानक सामने आना चिंताजनक है। आयोग पारदर्शी मतदाता सूची क्यों नहीं दे रहा? यह हमारे लोकतंत्र को कमजोर करता है।”
कांग्रेस का संकल्प
राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि पार्टी संविधान की रक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस मौके पर कांग्रेस मुख्यालय को “भारत की आत्मा पर पार्टी के प्रभाव की यादगार इमारत” करार दिया।