RBI Gold Loan Guidelines: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के निर्देश पर आरबीआई के प्रस्तावित दिशानिर्देशों की समीक्षा
RBI Gold Loan Guidelines: सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वालों के लिए नई नीति की समीक्षा
RBI Gold Loan Guidelines: RBI Gold Loan Guidelines को लेकर हाल ही में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा प्रस्तावित दिशानिर्देशों की गहन समीक्षा कर रहा है। इन निर्देशों का उद्देश्य सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वालों के हितों की सुरक्षा करना है, विशेष रूप से छोटे कर्जदारों के संदर्भ में। मंत्रालय ने यह भी बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस प्रक्रिया में मार्गदर्शन दिया है।
H3: तमिलनाडु में उठा विरोध, लेकिन केंद्र सरकार की स्थिति स्पष्ट
तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने इन प्रस्तावित दिशा-निर्देशों पर चिंता जताते हुए विरोध प्रकट किया है। विशेषकर यह मुद्दा तब और उभरा जब यह संकेत मिला कि आरबीआई के प्रस्तावित नियम छोटे स्वर्ण कर्जदाताओं पर सख्ती कर सकते हैं। इसके बावजूद वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि नीति का उद्देश्य किसी वर्ग को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि ऋणदाताओं और कर्जदारों दोनों के हितों का संतुलन बनाना है।
H3: D.F.S और मुख्यमंत्री की राय से जुड़ी सिफारिशें
वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने भी इस मुद्दे पर RBI को सलाह दी है कि वह छोटे कर्जदारों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नियमों को अंतिम रूप दे। इसके साथ ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी RBI को पुनर्विचार करने की सिफारिश की है, जिससे छोटे कर्ज लेने वालों पर किसी प्रकार का अनुचित बोझ न पड़े।
H3: पारदर्शिता और प्रक्रिया के अनुपालन पर जोर
RBI के मसौदा दिशानिर्देशों में यह कहा गया है कि सभी ऋणदाताओं को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सीमित राशि के स्वर्ण ऋण लेने वाले उपभोक्ताओं की जरूरतों का समुचित ध्यान रखा जाए। इसके अतिरिक्त, सभी प्रक्रियाओं और नीतियों का विवरण पारदर्शी तरीके से ऋणदाताओं को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
H2: निष्कर्ष
RBI Gold Loan Guidelines को लेकर सरकार और आरबीआई दोनों ही पक्ष सजग हैं कि नए नियम किसी भी वर्ग के लिए असुविधा का कारण न बनें। वित्त मंत्रालय, राज्य सरकारें और केंद्रीय बैंक सभी मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वाले छोटे कर्जदारों को सुरक्षा, पारदर्शिता और उचित सुविधा मिलती रहे। इससे वित्तीय समावेशन और आम नागरिकों का भरोसा दोनों ही मजबूत होगा।