Sambhal News: मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने सोमवार को संभल हिंसा की घटनाओं पर कहा कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि हिंसा के बावजूद क्षेत्र के हालात अब नियंत्रण में हैं। हिंसा प्रभावित इलाके को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में दुकानें खुल चुकी हैं और स्थिति सामान्य हो रही है। कमिश्नर ने यह भी कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाने का भी प्रावधान है।
800 लोगों के खिलाफ एफआईआर, नेताओं के नाम भी शामिल
संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरथल पुलिस चौकी के प्रभारी दीपक राठी ने एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के पुत्र सुहैल इकबाल समेत 800 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन पर भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया गया है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि हिंसा के दौरान सब-इंस्पेक्टर दीपक राठी पथराव और झड़प में घायल हो गए थे।
पुलिस और अधिकारियों पर हमले
हिंसा के दौरान संभल सीओ अनुज चौधरी को भीड़ को रोकने के प्रयास में गोली लग गई। उन्होंने 700-800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। एकता चौकी के प्रभारी संजीव कुमार ने टियर गैस और मैगजीन लूटने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया। इसके अलावा, पथराव की घटनाओं में मौके पर पहुंचे एसएसपी पीआरओ को भी गोली लगी है। उन्होंने डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
उपद्रवियों पर कार्रवाई
पुलिस ने अब तक संभल कोतवाली से 22 और नखासा थाना से 3 उपद्रवियों सहित कुल 25 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। हिंसा में 2750 अज्ञात लोगों और कई नामजद व्यक्तियों के खिलाफ कुल 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस ड्रोन फुटेज का विश्लेषण कर रही है, जिसमें उपद्रवियों की पहचान के लिए छोटे-छोटे फोटो बनाए जा रहे हैं।
हिंसा में 4 की मौत और 24 पुलिसकर्मी घायल
संभल हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। हिंसा के दौरान 4 बड़े अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
जामा मस्जिद के सदर हिरासत में
संभल की शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जफर अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस और एसडीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिंसा के लिए वे जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि मस्जिद के वजू के पानी को लेकर विवाद हुआ, जिससे गलत सूचना फैली और भीड़ इकट्ठा हो गई।
संभल हिंसा की घटनाओं ने एक बार फिर प्रशासन और समाज के बीच बेहतर संवाद और समन्वय की आवश्यकता को उजागर किया है। मजिस्ट्रियल जांच के साथ सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।