SOLAR CORONAL HEATING PROBLEM: सूर्य के बिना धरती पर जीवन नहीं हो सकता। सबसे नजदीक का तारा होने के कारण वैज्ञानिकों को हमेशा इसमें दिलचस्पी रही है। इसका एक रहस्य हमेशा से वैज्ञानिकों को परेशान करता है। वह यह कि सूर्य की बाहरी परत उसके नीचे की सभी परतों से ज्यादा गर्म क्यों है? अब वैज्ञानिकों ने नया शोध किया है।
WASHINGTON | धरती के सबसे करीब का सितारा सूर्य है। इसमें वैज्ञानिकों की दिलचस्पी सबसे ज्यादा होती है। लेकिन सूर्य से जुड़ा एक रहस्य है, जिसे वैज्ञानिक अभी तक नहीं सुलझा पाए हैं। वह यह कि सूर्य का बाहरी वातावरण जिसे कोरोना कहा जाता है वह अपने नीचे की परतों की तुलना में इतना गर्म क्यों है? इसे कोरोनल हीटिंग समस्या कहा जाता है। लेकिन अब सौर वैज्ञानिक मान रहे हैं कि शायद वह इस सवाल के जवाब के एक कदम और करीब पहुंच रहे हैं।हवाई में पृथ्वी की सबसे शक्तिशाली सौर दूरबीन डेनियल के. इनौये सोलर टेलीस्कोप (DKIST) का उपयोग करते हुए कई देशों के वैज्ञानिकों की टीम ने सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र का विस्तार से अवलोकन किया। उन्हें सूर्य के निचले वायुमंडल क्रोमोस्फीयर में चुंबकीय क्षेत्र में सांपों की आकृति वाले ऊर्जा पैटर्न मिले हैं। यही हमारे तारे के वायुमंडल की बाहरी परतों तक ऊर्जा पहुंचा सकते हैं। यूके की शेफील्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और इस रीसर्च के को-इन्वेस्टिगेटर रॉबर्टस एर्डेली ने कहा, ‘इस रिसर्च का धन्यवाद, हम अपने जीवन देने वाले सितारे सूर्य को समझने के एक कदम और करीब हो सकते हैं।’
कितना होता है TEMPRATURE
कोरोनल हीटिंग दशकों से शोधकर्ताओं को परेशान करता रहा है। सूर्य के आवेशित परमाणुओं का फैला हुआ बादल कोरोना बनाता है, जिसका तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तक पहुंच सकता है। जबकि सूर्य की सतह फोटोस्फेयर 6 हजार डिग्री सेल्सियर होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यहां तारकीय मॉडल का नियम सही से काम नहीं कर रहा। सूर्य की गर्मी न्यूक्लियर फ्यूजन से पैदा होती है।
SCIENTIST को क्या मिला?
वैज्ञानिक नियमों के मुताबिक तारे के केंद्र से बाहर की ओर आते हुए तापमान को कम होना चाहिए था। सूर्य की बाकी परतें इन नियमों का पालन करती हैं। लेकिन कोरोना तक आते ही यह नियम टूट जाते हैं। ऐसे में वैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्य के बाहरी वातावरण को गर्म करने वाला कोई अज्ञात तंत्र होना चाहिए। सांप जैसी चुंबकीय ऊर्जा इस थ्योरी में फिट बैठती है। अभी तक इस रहस्य को सुलझाने से जुड़े शोध सूर्य के सक्रिय क्षेत्रों खासकर सनस्पॉट पर फोकस रहे हैं। लेकिन इस बार टीम ने सनस्पॉट से अलग अपना ध्यान केंद्रित किया।