📍Sindri News | 4 अप्रैल 2025 – हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता, निर्देशक और लेखक मनोज कुमार के निधन पर सीपीआई(एम) धनबाद जिला सचिव मंडल के सदस्य और सिंदरी-बलियापुर लोकल कमेटी के सचिव विकास कुमार ठाकुर ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि मनोज कुमार भारतीय सिनेमा में देशभक्ति की भावना के प्रतीक थे। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
🕊️ मुंबई में ली अंतिम सांस, 87 वर्ष की उम्र में हुआ निधन
सीपीआई(एम) नेता ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 87 वर्षीय मनोज कुमार ने मुंबई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से देशभर में सिनेप्रेमियों और कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
🎥 मनोज कुमार की यादगार फिल्में: ‘शहीद’, ‘उपकार’ और ‘शोर’
विकास कुमार ठाकुर ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:
“मनोज कुमार ने हिंदी सिनेमा को ऐसी फिल्में दीं, जो देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत थीं।
👉 ‘शहीद’ में उनका किरदार भगत सिंह के रूप में अमर हो गया।
👉 ‘उपकार’ की कहानी उन्होंने प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर लिखी, जिसमें ‘जय जवान जय किसान’ का संदेश सजीव हुआ।
👉 ‘शोर’ फिल्म के ज़रिए उन्होंने ध्वनि प्रदूषण जैसी सामाजिक समस्या को सिनेमा के ज़रिए उठाया, जो उस दौर के लिए बेहद अनोखा था।”
🇮🇳 भारत कुमार: देशभक्ति का पर्याय
मनोज कुमार को उनके देशभक्त किरदारों के कारण ‘भारत कुमार’ की उपाधि दी गई थी। उन्होंने सिनेमा को सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों का माध्यम बनाया।
🎞️ ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्मों में उन्होंने सामाजिक असमानता, बेरोज़गारी और देश के विकास जैसे मुद्दों को सशक्त रूप से प्रस्तुत किया।
🕯️ अंतिम श्रद्धांजलि
सीपीआई(एम) नेता ठाकुर ने कहा –
“मनोज कुमार का जाना भारतीय सिनेमा और सांस्कृतिक विरासत की बड़ी क्षति है। वे हमेशा हमारे दिलों में अपनी फिल्मों और विचारों के ज़रिए जीवित रहेंगे।”