Sindri News || सिंदरी गुरुद्वारा में मनाया गया युग पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी की 137वाँ जन्म महोत्सव

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Sindri News || 29 दिसंबर 2024 (रविवार) को सिंदरी आंचलिक सत्संग परिवार (SKSND) के तत्वावधान में, युग पुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी का 137वाँ जन्म महोत्सव बड़े श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ सिंदरी के गुरुद्वारा परिसर में मनाया गया। इसे “अनुकलाब्द 79” के रूप में भी जाना जाता है। इस पवित्र अवसर ने आध्यात्मिकता, प्रेम, और सेवा के संदेश को समाज में स्थापित करने का एक विशेष माध्यम प्रदान किया।

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श्री श्री ठाकुर जी का प्रेरणादायक संदेश

“एक की चाह करते समय दस की चाह मत कर बैठो। एक का ही जिससे चरम हो, वही करो। सब कुछ पाओगे।”
श्री श्री ठाकुर जी की यह वाणी हमें एकनिष्ठता, समर्पण और साधना की शक्ति का महत्व सिखाती है। यह संदेश जीवन को अनुशासन और समर्पण के साथ जीने की प्रेरणा देता है।

महोत्सव का उद्देश्य

यह आयोजन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ समाज में प्रेम, सेवा और अनुशासन का महत्व स्थापित करता है।

कार्यक्रम का विवरण

  1. वेद मांगलिक कार्यक्रम: वैदिक मंत्रोच्चार से शुभारंभ।
  2. प्रभात फेरी और उषा कीर्तन: सूर्योदय के समय भक्ति संगीत के साथ नगर भ्रमण।
  3. समवेत विनती, प्रार्थना एवं नामजप: सामूहिक साधना और ध्यान।
  4. धर्मग्रंथों का पाठ: प्रेरणादायक वाणी और शिक्षाएं।
  5. भजन-कीर्तन और भक्तिमूलक संगीत: भक्तिपूर्ण वातावरण।
  6. धर्मसभा: विषय – “धर्म में सभी वचन व नियम का महत्व।”
  7. धन्यवाद ज्ञापन: आयोजकों द्वारा।
  8. भंडारा (प्रसाद वितरण): सामूहिक भोजन।
  9. समवेत प्रार्थना एवं प्रसाद वितरण: आयोजन का समापन।

विशेष सुविधाएँ और अनुरोध

महोत्सव के दौरान दीक्षा की सुव्यवस्था। इच्छुक श्रद्धालु दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

श्रद्धालुओं को समय पर पहुँचने और अनुशासन का पालन करने का अनुरोध।

आयोजक मंडली

अनीता श्रीवास्तव

अंजलि रॉय

अनूप कुमार घोष

अरुण बाउरी

अशिमा रानी सेन

महोत्सव का महत्व

यह महोत्सव केवल आध्यात्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि श्री श्री ठाकुर जी के आदर्शों और उनके द्वारा प्रतिपादित सत्य, प्रेम, और सेवा के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का अवसर है। इसमें भाग लेकर श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक आनंद प्राप्त करते हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी समझते हैं।

आइए, इस पवित्र महोत्सव का हिस्सा बनकर अपने जीवन को प्रेरणादायक और समाज के लिए उपयोगी बनाएं।