Sindri News : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सिंदरी-बलियापुर लोकल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य, प्रख्यात किसान नेता एवं भट्ठा मजदूर यूनियन के वरिष्ठ साथी सुबल मलिक का आज सुबह शहीद निर्मल महतो स्मारक महाविद्यालय अस्पताल, धनबाद में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से माकपा संगठन को गहरा आघात पहुंचा है।
माकपा नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
सुबल मलिक पार्टी के किसान मोर्चे का नेतृत्व कर रहे थे और संगठन में उनका विशेष योगदान रहा है। उनके निधन की खबर सुनकर माकपा के झारखंड राज्य सचिव कॉमरेड प्रकाश विप्लव और धनबाद जिला सचिव संतोष घोष उनके पैतृक गांव निपानिया पहुंचे। वहां उन्होंने सुबल मलिक के परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त की और उनके पार्थिव शरीर पर पार्टी का लाल झंडा अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
सुबल मलिक की अंतिम यात्रा में उनके परिवार के सदस्य, पार्टी कार्यकर्ता, ग्रामीणों समेत सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान “सुबल मलिक अमर रहें”, “लाल सलाम” जैसे नारे गूंजते रहे। उनके पुत्र राहुल मलिक, रोहित मलिक, पुत्री पूजा कुमारी, माकपा के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता, मजदूर संगठन के पदाधिकारी और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
अंतिम यात्रा में शामिल प्रमुख नेता
सुबल मलिक की अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले प्रमुख नेताओं में सीपीएम के पूर्वी राज्य सचिव गोपीकांत बक्शी, मजदूर नेता सुरेश गुप्ता, कोल फेडरेशन के नेता सुदीप भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता काली सेन गुप्ता, संतोष महतो, शिव बालक पासवान, रामकृष्णा पासवान, बलियापुर-सिंदरी लोकल कमेटी सचिव विकास कुमार ठाकुर, भगवान दास, जितेंद्र निषाद, कुंदन पासवान, नौजवान नेता नौशाद अंसारी, सुबल चंद्र दास, शिबू राय, नरेंद्र नाथ दास, कृष्णा प्रसाद महतो, गौतम प्रसाद, आर.के. मिश्रा और मजीद खान आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
संगठन के लिए अपूरणीय क्षति
सुबल मलिक के निधन से मजदूर और किसान संगठन को अपूरणीय क्षति हुई है। वे हमेशा गरीब, मजदूर और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। सुबल मलिक को लाल सलाम!
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