Aamir Khan’s Heartwarming Film Struggles Initially but Scores Emotionally in Second Half | Sitaare Zameen Par Movie Review
Sitaare Zameen Par Movie Review: संवेदनशील मुद्दों को छूती है फिल्म की कहानी, सेकेंड हाफ में फिल्म देती है दमदार मैसेज और इमोशनल पंच
Sitaare Zameen Par Movie Review: आमिर खान एक बार फिर समाजिक विषयों को बड़े पर्दे पर लेकर आए हैं अपनी नई फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ (Sitaare Zameen Par) के ज़रिए। यह फिल्म एक इमोशनल ड्रामा है जो शुरुआत में धीमी रफ्तार से चलती है, लेकिन इंटरवल के बाद न सिर्फ रफ्तार पकड़ती है बल्कि दर्शकों के दिल को भी छू जाती है।
निर्देशन की कमान खुद आमिर खान ने संभाली है, और उन्होंने फिल्म को संवेदनशीलता और गहराई के साथ पेश किया है। यह फिल्म खासकर उन बच्चों और परिवारों को समर्पित है जो मानसिक स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और खेल के ज़रिए जीवन में बदलाव लाने की जद्दोजहद करते हैं।
पहले हाफ में धीमी, दूसरे हाफ में भावनात्मक उड़ान
फिल्म का पहला हिस्सा जहां कहानी को सेटअप करने में वक्त लेता है, वहीं दूसरा हाफ पूरी तरह भावनाओं और प्रेरणा से भरपूर है। बच्चों की खेल भावना, उनकी मानसिक चुनौतियां और सामाजिक दबाव को दिखाने की कोशिश फिल्म की यूएसपी है।
परफॉर्मेंस और निर्देशन
आमिर खान एक बार फिर अपने किरदार में संजीदगी लाते हैं और बच्चों के साथ उनकी केमिस्ट्री फिल्म को जीवंत बनाती है। सह-कलाकारों, विशेषकर बाल कलाकारों का अभिनय सहज और प्रभावी है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और म्यूजिक भी टचिंग है, खासकर क्लाइमेक्स में।
क्या है खास?
- समाजिक संदेश के साथ मनोरंजन
- खेल और आत्मविश्वास का अनोखा मिश्रण
- इमोशनल क्लाइमेक्स जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है
निष्कर्ष:
‘सितारे ज़मीन पर‘ उन फिल्मों में से है जो धीरे-धीरे असर करती है। यह फिल्म एक बार फिर साबित करती है कि आमिर खान न सिर्फ एंटरटेनर हैं, बल्कि समाजिक जिम्मेदारी उठाने वाले कलाकार भी हैं।