Syria War 2024 || सीरिया में तख्‍ता पलट, विद्रोहियों का कब्ज़ा: तानाशाही का अंत और नई शुरुआत

Syria War 2024

Syria War 2024

Syria War 2024 || सीरिया के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ा मोड़ आया है। राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है और तानाशाह बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं। यह घटनाक्रम न केवल सीरिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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दमिश्क में विद्रोहियों का नियंत्रण

सेना ने हथियार डाले

सीरियाई सेना ने विद्रोहियों के सामने हथियार डाल दिए हैं। राजधानी के प्रमुख संस्थानों जैसे पुलिस मुख्यालय और सरकारी टीवी नेटवर्क पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया है।

विद्रोहियों की घोषणा

हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने दमिश्क को “तानाशाह से मुक्त” घोषित किया है। टेलीग्राम पर जारी बयान में उन्होंने कहा, “एक आजाद सीरिया अब विस्थापित सभी लोगों का इंतजार कर रहा है।”

बशर अल-असद: 24 साल का शासन समाप्त

तानाशाही का अंत

2000 में सत्ता संभालने वाले बशर अल-असद का शासन विद्रोहियों के दबाव के आगे झुक गया। उनके पिता हाफेज अल-असद ने भी 29 साल तक देश पर राज किया था। यह सत्ता उनके परिवार की विरासत मानी जाती थी, लेकिन इस बार विद्रोहियों के संघर्ष ने इस सत्ता को उखाड़ फेंका।

असद का भागना

विद्रोहियों के राजधानी पर कब्जे के बाद बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं। उनका ठिकाना अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है।

प्रधानमंत्री गाजी अल-जलाली का बयान

सत्ता हस्तांतरण की पेशकश

प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने कहा कि सरकार लोगों द्वारा चुने गए नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की और शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की इच्छा व्यक्त की।

सुरक्षा और स्थिरता का आश्वासन

पीएम अल-जलाली ने कहा कि वह देश में ही हैं और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं।

विद्रोहियों की नई भूमिका

अबू मोहम्मद अल-जुलानी का नेतृत्व

एचटीएस के प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने विद्रोही बलों को सार्वजनिक संस्थानों को बिना नुकसान पहुंचाए छोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम के नेतृत्व में संस्थानों का संचालन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें औपचारिक रूप से हस्तांतरित नहीं किया जाता।

नया नेतृत्व या पुरानी व्यवस्था?

अब सवाल यह है कि विद्रोही सरकार चलाएंगे या प्रधानमंत्री गाजी अल-जलाली को ही चेहरा बनाए रखेंगे। अबू मोहम्मद अल-जुलानी, जिन्होंने असद सरकार को उखाड़ फेंका, अब सीरिया के सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन और भविष्य

बशर अल-असद की सरकार रूस और अन्य देशों के समर्थन से चल रही थी। अब सीरिया में नई सरकार के गठन और स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष

सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। यह समय सीरियाई नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मिलकर काम करने का है, ताकि एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक सीरिया की नींव रखी जा सके।