U.S. President Jimmy Carter: जिम्मी कार्टर, जो अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति के रूप में अपनी सादगी और मानवीय सेवा के लिए जाने जाते हैं, का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कार्टर ने अपने राजनीतिक करियर और सामाजिक कार्यों से न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया पर गहरी छाप छोड़ी। उनका जीवन संघर्ष, सेवा और सद्भावना का प्रतीक था।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जिम्मी कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया के प्लेन्स में हुआ था। एक किसान परिवार में पले-बढ़े कार्टर ने सादगीपूर्ण जीवन जीते हुए शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने नौसेना अकादमी से स्नातक किया और इंजीनियरिंग में उत्कृष्टता हासिल की।
राजनीतिक करियर
कार्टर ने 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा दी। उनका कार्यकाल ऐसे समय में आया जब देश आर्थिक मंदी और अंतरराष्ट्रीय संकटों का सामना कर रहा था।
प्रमुख उपलब्धियां
- कैंप डेविड समझौता: उन्होंने इज़राइल और मिस्र के बीच शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मानवाधिकारों का समर्थन: कार्टर ने मानवाधिकारों की रक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया।
- ऊर्जा नीति सुधार: उन्होंने ऊर्जा संरक्षण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
राष्ट्रपति पद के बाद का जीवन
राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद, कार्टर ने कार्टर सेंटर की स्थापना की, जो मानवाधिकार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करता है। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, चुनावी पर्यवेक्षण और बीमारियों के उन्मूलन के लिए वैश्विक स्तर पर कार्य किया।
नोबेल शांति पुरस्कार:
2002 में, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनकी मानवीय सेवाओं का प्रमाण था।
व्यक्तिगत जीवन और विरासत
कार्टर का जीवन सादगी और ईमानदारी का उदाहरण था। उनकी पत्नी, रोज़लिन कार्टर, उनके हर कदम पर साथ रहीं। उन्होंने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित किया और दुनिया को सिखाया कि नेतृत्व का अर्थ केवल शक्ति नहीं, बल्कि सेवा है।
निधन और श्रद्धांजलि
100 वर्ष की लंबी उम्र में जिम्मी कार्टर ने दुनिया को अलविदा कहा। उनके निधन पर विश्व नेताओं और लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया।
एक युग का अंत:
उनके निधन के साथ एक युग समाप्त हुआ, लेकिन उनकी विरासत और आदर्श हमेशा जीवित रहेंगे।
जिम्मी कार्टर ने राजनीति और समाज सेवा में जो योगदान दिया, वह अविस्मरणीय है। उनके जीवन से हमें यह सीखने को मिलता है कि सच्चा नेतृत्व निस्वार्थ सेवा में है। उनका नाम इतिहास में एक ऐसे नेता के रूप में अंकित रहेगा, जिसने हमेशा मानवता की भलाई के लिए काम किया।