UPI Payment: भारत डिजिटल पेमेंट तकनीक के क्षेत्र में तेजी से वर्ल्ड लीडर के रूप में उभर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर महीने में यूपीआई के जरिए 16.6 अरब लेनदेन हुए। इस दौरान इंस्टेंट डेबिट रिवर्सल की दर 86% रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 77% थी। यह भारत की डिजिटल पेमेंट प्रणाली की मजबूती और व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाता है।
यूपीआई: सरल और प्रभावी डिजिटल पेमेंट सिस्टम
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने बताया कि यूपीआई एक ओपन-एंडेड सिस्टम है, जो सिंगल एप्लिकेशन के जरिए व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) लेनदेन को सरल और तेज बनाता है। पात्रा ने यह भी बताया कि डिजिटल क्रेडिट सिस्टम में इनोवेशन जैसे अकाउंट एग्रीगेटर्स, ओसीईएन और ओएनडीसी ने वित्तीय सेवाओं की उत्पादकता में बड़ा योगदान दिया है।
ओएनडीसी और टीआरईडीएस की भूमिका
ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) मार्च 2024 तक 720 से अधिक शहरों में अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। अब तक यह नेटवर्क 49.72 मिलियन ऑर्डर्स पूरा कर चुका है। वहीं, टीआरईडीएस (ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम) ने एमएसएमई सेक्टर के 52.2 ट्रिलियन रुपये के अनुमानित क्रेडिट गैप को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है। यह बैंकों और क्लाइंट्स को जोड़कर फंडिंग की लागत में 2.5% तक की कमी लाता है। रिपोर्ट के अनुसार, टीआरईडीएस के माध्यम से फाइनेंस चालानों का मूल्य 23 गुना बढ़ा है।
ग्रामीण और युवा भारत का योगदान
भारत की डिजिटल क्रांति में ग्रामीण और युवा आबादी का बड़ा योगदान है। रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत की 40% आबादी और 20-30 वर्ष आयु वर्ग के 78% लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। इनमें से एक तिहाई परिवार ऑनलाइन सामान और सेवाएं खरीद रहे हैं। यह आंकड़े डिजिटल पेमेंट के बढ़ते उपयोग और ऑनलाइन शॉपिंग की स्वीकार्यता को दर्शाते हैं।
वैश्विक डिजिटल क्रांति में भारत का नेतृत्व
यूपीआई का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग और डिजिटल पेमेंट प्रणाली में इनोवेशन, भारत को एक वैश्विक डिजिटल पेमेंट लीडर के रूप में स्थापित कर रहा है। यह न केवल देश के आर्थिक परिदृश्य को बदल रहा है, बल्कि विश्व स्तर पर डिजिटल क्रांति को भी नया आयाम दे रहा है।