विडंबना: 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी नहीं मिली नौकरी और न ही मुआवजा, मर मिटने की कसम के साथ दो माह से धरने पर बैठा है कार्तिक गोराई

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झरिया। 30 वर्ष वीत जाने के वाद भी बीसीसीएल कंपनी द्वारा अधिग्रहण किया गया जमीन के बदले नहीं मिला आमटाल निवासी रैयत कार्तिक चंद्र गोराई को नौकरी व मुआवजा। न्याय की मांग को लेकर श्री गोराई ने रोते बिलखते हुए लगाया कई अधिकारीयों व नेताओं से विनती अर्जी। कोई नहीं किया इनका समस्या का निदान। अंत में अपने को थके हरे हुए समझ मर मिटने की कसमें खाते हुए अपने पुरे परिवार के साथ लगभग दो माह से बीसीसीएल प्रबंधन के खिलाफ बेड़ा कोलियरी गेट के समीप धरना दें रहें है।
लेकिन अभी तक बीसीसीएल प्रबंधन सुधि लेने के लिए नहीं पहुंचा है।इस सबंध मे कार्तिक चंद्र गोराई ने बताया कि बीसीसीएल प्रबंधन ने झरना बेड़ा व आमटाल मौजा के जमीन का अधिग्रहण किया।पिछले 16 वर्षों से बीसीसीएल को पत्राचार कर रहे हैं,आज तक मुआवजा व नौकरी नहीं दिया गया, इसको लेकर भू संपदा पदाधिकारी,सीएमडी, बस्ताकोला जीएम समेत अन्य अधिकारी को पत्र प्रेषित कर न्याय की गुहार लगाई लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कुछ नहीं मिला।जिसके कारण आक्रोशित होकर फैसला लिया कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो बाध्य होकर आत्मदाह करेंगे।
इधर बस्ताकोला महाप्रबंधक जीसी राय ने बताया कि कई बार बीसीसीएल के साथ कार्तिक गोराई की वार्ता हुई है।उनके पिता ने ही जमीन बीसीसीएल को दिया था,उनका एक भाई नौकरी कर रहा है, कार्तिक गोराई द्वारा लगाए गये आरोप गलत है।

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