शुद्ध हवाओं के लिए अपनी आवाज को बुलंद करें जब भारत गुलाम था अंग्रेजों का तब भी हवाओं के लिए आंदोलन करना नहीं पड़ा था भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी के द्वारा कोयलांचल के लोगों को शुद्ध हवाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। ज्यादातर लोग यहां सांस की बीमारी से लड़ रहे हैं, हर परिवार में एक दो व्यक्ति को सांस की बीमारी है, वायु प्रदूषण से त्राहिमाम है धनबाद सिर्फ कागजों पर हो रही है सरकार के द्वारा पर्यावरण संरक्षण आइए इस अवसर पर हम सब मिलकर खूब सारे पेड़ पौधे लगाए हरियाली छाएगी। मेरी सांसे मेरा हक –अखलाकअहमदयूथकॉन्सेप्टसंयोजक
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हूल दिवस:संथाल विद्रोह को याद करने का दिन
1855-56 में संथाल आदिवासियों के नेतृत्व में हुआ यह विद्रोह भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और सामंती उत्पीड़न के खिलाफ सबसे शुरुआती प्रतिरोध आंदोलनों में से एक था। यह विद्रोह संथाल समुदाय की अदम्य भावना और न्याय और सम्मान के लिए उनकी लड़ाई का प्रमाण है।