विश्व पर्यावरण दिवस प्लास्टिक मुक्त जीवन
World Environment Day: प्लास्टिक के दुष्प्रभावों से बचकर पर्यावरण और जीवन दोनों को बचाया जा सकता है
World Environment Day: हर साल 5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। यह दिन हमें पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। 2025 में इस दिन की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करें” रखी गई है, जो दुनिया भर में बढ़ती प्लास्टिक की समस्या पर ध्यान केंद्रित करती है। इस मौके पर हम सबका संकल्प होना चाहिए: “प्लास्टिक को कहें ना, जीवन को कहें हां।”
प्लास्टिक प्रदूषण: एक वैश्विक संकट
आज प्लास्टिक हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है, लेकिन इसके दुष्परिणाम भयावह हैं। यह न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि जल, थल और वायु सभी को प्रभावित करता है। समुद्रों में फेंकी गई प्लास्टिक से हर साल लाखों समुद्री जीव मरते हैं। मिट्टी और जलस्त्रोतों में प्लास्टिक के कणों की मौजूदगी से स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है।
भारत की भूमिका और चुनौतियाँ
भारत में भी प्लास्टिक कचरे की समस्या लगातार बढ़ रही है। शहरी क्षेत्रों में हर दिन टनों प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा रिसाइकल भी नहीं होता। सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इसका पालन करना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि नागरिक जागरूक हों, तो यह संकट टल सकता है।
प्लास्टिक मुक्त जीवन की दिशा में कदम
अगर हम सच में पर्यावरण के प्रति गंभीर हैं, तो हमें अपने रोजमर्रा के जीवन में कुछ बदलाव लाने होंगे। प्लास्टिक की जगह कपड़े या जूट के बैग, स्टील की बोतलें, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों का उपयोग बढ़ाना होगा। साथ ही प्लास्टिक को रिसाइकल करने की आदत भी अपनानी होगी।
निष्कर्ष
प्रकृति से जुड़कर ही जीवन सुरक्षित रहेगा
विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक सतत प्रयास की शुरुआत है। यदि हम आज प्लास्टिक के उपयोग को सीमित नहीं करते, तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। आइए, इस पर्यावरण दिवस पर संकल्प लें — “प्लास्टिक को कहें ना, जीवन को कहें हां” और पृथ्वी को एक बेहतर, सुरक्षित और हरित स्थान बनाएं।