सात्विक आईवीएफ सिटी सेंटर धनबाद का मानवता भरा प्रयास

World IVF Day 2025: हर वर्ष 25 जुलाई को विश्व आईवीएफ दिवस मनाया जाता है, जो उन दंपतियों के लिए आशा और नई शुरुआत का प्रतीक है, जो संतान सुख से वंचित हैं। इसी अवसर पर सात्विक आईवीएफ सिटी सेंटर, धनबाद द्वारा एक सराहनीय पहल करते हुए श्री कृष्णा मातृ सदन, रानी बाजार कतरास परिसर में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों दंपतियों को परामर्श और जांच की सुविधा प्रदान की गई।
दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ, विशेषज्ञों की रही उपस्थिति
शिविर की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई जिसे डॉ. विश्वनाथ चौधरी, डॉ. शिवानी झा, विजय कुमार झा और गौतम मंडल ने संयुक्त रूप से किया। इस आयोजन में बांझपन विशेषज्ञ डॉ. नेहा प्रियदर्शिनी ने अहम भूमिका निभाई और उपस्थित मरीजों को नि:शुल्क परामर्श दिया। साथ ही, अपोलो डायग्नोसिस्ट धनबाद के सहयोग से हिमोग्लोबिन और थायरॉयड की नि:शुल्क जांच भी की गई।
समाज को मिली नई दिशा: जानकारी ही समाधान की पहली सीढ़ी
डॉ. नेहा प्रियदर्शिनी ने कहा,
“बांझपन कोई अपराध नहीं, बल्कि एक चिकित्सीय स्थिति है। जानकारी की कमी, सामाजिक मिथक और सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण कई परिवार संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। सात्विक आईवीएफ का मिशन है – हर सूनी गोद में किलकारी लाना। हमने बीते 10 वर्षों में सैकड़ों दंपतियों का सपना साकार किया है।”
डॉ. विश्वनाथ चौधरी ने कहा कि लोगों को बांझपन के प्रति जागरूक करने की जरूरत है, क्योंकि यह पूरी तरह इलाज योग्य समस्या है। वहीं डॉ. शिवानी झा ने कहा,
“इस शिविर का मुख्य उद्देश्य उन जरूरतमंद परिवारों तक इलाज की पहुंच सुनिश्चित करना है जो जानकारी और संसाधनों के अभाव में परेशान हैं।”
सम्मान और सहभागिता:
शिविर में डॉक्टरों को श्री कृष्णा मातृ सदन की ओर से सम्मानित किया गया। उन्हें बुके भेंट कर आभार जताया गया। कार्यक्रम में वियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार झा, मनीषा मीनू, जयकांत प्रसाद सिंह, धीरज कुमार सिंह, मुन्ना झा, अमित पासवान समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
आंकड़ों में सेवा:
इस नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में कुल 30 दंपतियों को परामर्श और खून जांच की सेवाएं दी गईं। आयोजन की सफलता में सात्विक आईवीएफ सिटी सेंटर धनबाद, श्री कृष्णा मातृ सदन कतरास और अपोलो डायग्नोसिस्ट धनबाद की टीम का विशेष योगदान रहा।
निष्कर्ष:
इस प्रकार का आयोजन केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ी उम्मीदों को नई दिशा देने वाला कदम है। विश्व आईवीएफ दिवस पर आयोजित यह शिविर कई परिवारों के लिए एक नई शुरुआत बनकर उभरा है – उम्मीद, उपचार और उज्जवल भविष्य की ओर एक सशक्त पहल।
