राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत 20 सितंबर को जिले में 1 से 19 वर्ष के 4 लाख 73 हजार 258 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस | राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को लेकर बृहस्पतिवार को धनबाद समाहरणालय के सभागार में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक एवं उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा कि 20 सितंबर को सभी आंगनवाड़ी केंद्र एवं स्कूल में 1 से 19 वर्ष के बच्चों को गोली खिलाई जाएगी। वहीं 27 सितंबर को मॉप अप दिवस पर छूटे हुए बच्चों को गोली खिलाई जाएगी। जिले में 1 से 5 वर्ष के 1,22,691 तथा 6 से 19 वर्ष के 3,50,567 बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं शिक्षक अपने सामने बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाएंगे। छोटे बच्चों को दवाई का चूरा करके गोली खिलाई जाएगी। बड़े बच्चों को अच्छी तरह से चबाकर गोली खाने के लिए कहेंगे। अच्छी तरह चबाकर गोली नहीं खाने से उसका प्रभाव कम हो जाता है। वहीं बीमार बच्चों को गोली नहीं खिलाई जाएगी। डिवर्मिंग के लाभ पर प्रकाश डालते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि होती है। स्वास्थ्य पोषण में सुधार होता है। एनीमिया में नियंत्रण होता है। बच्चों के वयस्क होने पर काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। वहीं कृमि का संक्रमण होने से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना सहित कई लक्षण हो सकते हैं। बच्चों के आंत में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी संक्रमण के उतने ही अधिक लक्षण होंगे। हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। कृमि संक्रमण का इलाज एल्बेंडाजोल का उपयोग करके किया जा सकता है। बैठक में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती अनीता कुजूर, निदेशक डीआरडीए श्री राजीव रंजन, जिला आर.सी.एच पदाधिकारी डॉ रोहित गौतम, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार, सिटी अर्बन हेल्थ मैनेजर श्री गौतम कुमार सिंह के अलावा सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका व स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मी मौजूद थे।