Jharkhand Conclave 2024 | मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी धनबाद जिले को 178 करोड़ रुपए की सौगात

Jharkhand Conclave 2024

Jharkhand Conclave 2024 | 129 करोड़ की 133 योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास, जबकि करीब 48 करोड़ की 84 योजनाओं का उद्घाटन किया. साथ ही 36996 युवाओं को विभिन्न कंपनियों में नौकरी के लिए जॉब ऑफर लेटर सौंपा.

धनबाद (साभार) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार राज्य के युवाओं व शिक्षा के विकास के लिए कृत संकल्पित है. सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर युवा पीढ़ी खुले आसमान में उड़ने के लिए तैयार है. सीएम सोमवार को धनबाद के बलियापुर स्थित एरोड्रम ग्राउंड में आयोजित झारखंड कॉन्क्लेव 2024 में जॉब ऑफर लेटर सह रोजगार प्रोत्साहन एवं परिवहन भत्ता वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे.

इस मौके पर उन्होंने धनबाद जिले को 178 करोड़ रुपए की सौगात दी. 129 करोड़ की 133 योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास, जबकि करीब 48 करोड़ की 84 योजनाओं का उद्घाटन किया. साथ ही 36996 युवाओं को विभिन्न कंपनियों में नौकरी के लिए जॉब ऑफर लेटर सौंपा. कहा कि नौजवानों के लिए आज का दिन बेहद खास है. जॉब ऑफर लेटर प्राप्त करने वाले युवक-युवतियों से यही कहूंगा कि अब आप खुले आसमान में उड़ने को तैयार हैं.

देश-विदेश से आई विभिन्न कंपनियों के माध्यम से आज आपको जॉब ऑफर लेटर प्रदान किया जा रहा है. अब आपके पास भरपूर मौका है कि आप खुद को तराशकर रोजगार अर्जित करें. आपके उज्जवल भविष्य के सरकार ने विभिन्न कंपनियों के सीईओ व एमडी के साथ एमओयू किया है. जॉब ऑफर लेटर पाने वालों में 22399 युवतियां, 14593 युवक व 4 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के नौजवानों की दशा सुधारने के लिए निरंतर कार्य कर रही है.

राज्य के सभी जिलों में श्रम स्कूल खोले जाएंगे, जहां गरीब व मजदूर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी. शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे बढ़ना हमारा लक्ष्य है. प्रदेश के सभी जिलों में उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए ताकि गरीब, मजदूर व किसानों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. राज्य सरकार मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से लोगों को ऋण उपलब्ध कराकर रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है. खेती-बाड़ी की नई और आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दे रही है, ताकि पढ़े लिखे नौजवान भी खेती से जुड़कर आमदनी कर सकें. रोजगार के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करते हुए लोगों को निरंतर रोजगार के कई योजनाओं से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया गया है.