Dhanbad News || आर्य समाज कतरासगढ़ के प्रधान डॉ. मृणाल ने भारतीय क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएवी +2 उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र राय पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक बिना रसीद दिए अवैध वसूली कर रहे हैं और विद्यालय की संग्रहित राशि का गबन किया गया है।
वित्तीय गड़बड़ी और गबन के आरोप
डॉ. मृणाल ने कहा कि इंटर और मैट्रिक परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान प्रत्येक छात्र-छात्रा से 150 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं। यह राशि बिना किसी रसीद के ली जा रही है, जिसकी शिकायत छात्रों ने की थी।
उन्होंने दावा किया कि 28 सितंबर 2024 से अब तक 9 लाख रुपये से अधिक की राशि बैंक खाते में जमा नहीं की गई है।
धनबाद उपायुक्त को 3 दिसंबर को भेजी गई चिट्ठी में उन्होंने मांग की कि:
- विद्यालय की राशि को बैंक खाते में प्रतिदिन जमा करने का निर्देश दिया जाए।
- गबन और वित्तीय अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
- दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद प्रमुख लोग
इस प्रेस वार्ता में झामुमो नेता राजेंद्र प्रसाद राजा, विनय सिंह, अनुज सिन्हा, शंकर चौहान, सुदाम गिरी, प्रभात मिश्रा, जयेश चवाड़ा, जयदेव बनर्जी, और रणधीर बर्मन समेत कई लोग उपस्थित थे।
प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र राय का पक्ष
प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र राय ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और बुनियाद बताया। उन्होंने कहा:
- विद्यालय के तीन बैंक खाते (एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक कतरास) फ्रीज कर दिए गए हैं। नए खाते खोलने पर आक्षेप लगाया जा रहा है, जिससे राशि जमा करना संभव नहीं हो पा रहा है।
- जमा की गई राशि को फ्रीज खाते में डालने से निकासी संभव नहीं होगी, जिससे 52 कर्मचारियों का वेतन अटक जाएगा।
- परीक्षा फॉर्म के लिए ली गई 150 रुपये की राशि का उपयोग परीक्षा से संबंधित खर्चों के लिए किया जा रहा है, और रसीद भी दी जा रही है।
- रसीद की कमी भीड़ के कारण हुई थी, लेकिन सोमवार से सभी छात्रों को रसीद दी जाएगी।
आर्य समाज विवाद
श्री राय ने आरोप लगाया कि डॉ. मृणाल आर्य समाज के फर्जी सचिव बनकर विद्यालय पर दबाव बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. मृणाल अपनी बहू को प्रधानाचार्य और पुत्र को डीएवी मध्य विद्यालय का सचिव बनाना चाहते हैं।
आय-व्यय का विवरण
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने आय-व्यय का विवरण देते हुए कहा:
- कुल आय: ₹17,00,575/-
- तीन माह का वेतन: ₹11,85,000/-
- ईपीएफ भुगतान: ₹2,74,000/-
- अन्य खर्च (बिजली, टेलीफोन, कागज आदि): ₹76,875/-
- कुल खर्च: ₹15,35,875/-
- कैश इन हैंड: ₹1,64,700/- (जो कमेटी के पास है)।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीएवी +2 उच्च विद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों और उनके जवाब में दोनों पक्षों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच प्रक्रिया के बाद इस मामले में कौन सा सत्य सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।