DHANBAD | काला हीरा के सातवें महोत्सव में नाट्य कलाकारों ने प्रस्तुत की दो शानदार नाटक

स्थानीय कलाकारों ने सांस्कृतिक एवं अन्य नृत्य संगीत प्रस्तुत कर रंग जमाया

DHANBAD | रविवार को कोयलांचल भारत कोकिंग कोल नृत्य संगीत एवं नाट्य संघ के काला हीरा के सातवें ऑल इंडिया मल्टी लिंगुअल डांस ड्रामा एंड म्यूजिक कंपटीशन कोयला नगर में महोत्सव के तृतीय दिन कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। नन्हे मुन्ने से लेकर बड़े उम्र के स्थानीय कलाकारों एवं अन्य जिलों के कलाकारों ने रविंद्र संगीत, नजरुल नृत्य, भरतनाट्यम, ओडिसी, देशभक्ति फॉक डांस क्रिएटिव डांस, क्लासिकल,सेमी क्लासिकल डुएट नृत्य प्रस्तुत कर रंग जमाया। तथा साथ ही डालटेनगंज और गिरिडीह के कलाकारों के द्वारा दो नाटक का शानदार प्रस्तुति स्तुति की गई जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया और कलाकारों के दमदार अभिनय की तारीफ की। प्रथम नाटक विख्यात लेखक फणीश्वर नाथ रेनू लिखित पंचलैट की प्रस्तुति गिरिडीह की द रंग नाट्य संस्था ने की । इस नाटक का निर्देशक पुरुषोत्तमदास ने किया। इस नाटक की कहानी 1950 के बिहार प्रांत के गांव की है। इस नाटक में कहानी एक गांव की है जहां 8 बिरादरी रहते हैं इसमें 7 बिरादरी पंचलैट (पेट्रोमैक्स) गैस बत्ती जलाना जानते हैं लेकिन एक बिरादरी के लोग काफी बेवकूफ है इनकी बेवकूफी ऊपर लोग काफी हंसते हैं इस बिरादरी के एक लड़के गोधन को पंचलैट जलाने आती लेकिन गोधन को अन्य बिरादरी की एक लड़की मुनरी के साथ प्रेमा लाप करते पकड़ लिया और पंचायत ने उसे बिरादरी से निकाल दिया था अब बाकी बिरादरी के लोग पंचलैट जलाने को लेकर काफी ताना मार कर हंसते थे।अब बिरादरी की इज्जत की बात आ गई और इसी वजह से बिरादरी गोधन के सामने झुका उन्होंने गोधन को माफ किया वह धन्यवाद पास आकर पंचलेट जलाकर बिरादरी में खुशियां बिखेरी और इस बिरादरी की इज्जत लौट आई और नाटक हैप्पी एंडिंग रहा इस कॉमेडी नाटक में कलाकारों ने दर्शकों को खूब हसाया और दर्शकों की तालियां बटोरी। दूसरा नाटक सैकत चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित और निर्देशित एक अजनबी का काफी सुंदर मंचन किया गया इस नाटक का संगीत जो स्वास्तिक अंकित ने दिया तथा रूप सज्जा मुनमुन चक्रवर्ती और मंच सज्जा अमर कुमार भांजा ने दिया जो काफी आकर्षक लग रहा था। नाटक के निर्देशक सोकत चट्टोपाध्याय ने कहा साम्प्रदायिकता पर कोई नाटक हो तो सबसे पहले यही लगता है की दो धर्मो को मानने वाले कुछ अच्छे और बुरे लोगो के बीच जोरदार संवाद और गतिशील घटना दुर्घटनाओ का एक पैकेज होगा। इसीलिए हम जब साम्प्रदायिकता पर कोई नाटक प्रस्तुत करने चले थे तो यही सोचा था की कुछ अलग हट के करना है। इसी हट के करने का उपज है एक अजनबी। दुनिया में जहां भी दो धार्मिक कारणों से विवाद उपजता है तो कुछ लोग अपने अपने लाभ के लिए उसका इस्तेमाल करते है। उसमे पिसते है। आम लोग जिनके जीवन में धर्म का मायने सिर्फ एक शक्ति के पास माथा टेकने और कोई शुभ काम में आशीर्बाद लेने तक ही है। आगे निर्देशक शौकत ने कहा धर्म जिनके जीवन में कोई ढोंग नहीं अपितु एक विश्वास है, आस्था का प्रतिक है। आज हमारे देश में , समाज में यह आस्था,यह विश्वास टूट रहा है या तोड़ा जा रहा है। आम जीवन के फैसले अब उनके हाथ में नहीं रहा है , जो भी लोग आम जीवन में घुसपैठ कर रहे है उनको रोकने का एक ही उपाय है एक जुट रहना और उनके खिलाफ मुखर होना।दो अलग अलग धर्म के और अकेले रहने वाले इन्सान के बीच जो धर्म का दीवार बनता है उसे दूर करने का एक ही उपाय है “प्रेम “ एक अजनबी नाटक में यही दो बिन्दुओ को फोकस किया है। नाटक में मुनमुन चक्रवर्ती ने लायला बेगम, अमर कुमार भांजा, सिकंदर विरेंदर यादव तीनों ने गुंडा के किरदार में एवम सैकत चट्टोपाध्याय ने भूतनाथ, कमलाकांत कुमार ने यादव जी, कनकलता तिर्की ने भाभी जी और उज्जवल सिन्हा ने जीवन का दमदार किरदार निभाया। काला हीरा महोत्सव के तृतीय दिन के मुख्य अतिथि ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के सतीश कुंदन थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि काला हीरा स्थानीय कलाकारों को प्रमोट करने के लिए बहुत ही शानदार प्रयास कर रही है। साथ ही देश के लगभग 12 राज्यों के नाट्य संस्था एवम कलाकार यहां आकर के हर वर्ष यहां शिरकत कर रहे हैं।यह धनबाद के लिए बहुत गर्व और ख्याति की बात है।उन्होंने कहा 9 और 10 सितंबर को उड़ीसा के बरहमपुर में ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल की महत्वपूर्ण राष्ट्रव्यापी बैठक आयोजित की गई है जिसमें कलाकारों आकस्मिक सहायता, 65 वर्ष से ऊपर के कलाकारों को ₹1000 जीवन भत्ता देने पर विचार विमर्श होगा। तथा मेडिक्लेम के साथ जीवन बीमा कराने के संबंध में भी महत्वपूर्ण विचार-विमर्श होगा। सरकार से कलाकारों को विभिन्न सुविधाएं देने की मांग होगी।
कार्यक्रम में काला हीरा के निर्देशक राजेंद्र प्रसाद,ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के संरक्षक अवधेश सिंह, सिवान बिहार के विजय श्रीवास्तव, वाराणसी के अष्टभुजा मिश्रा एआईटीसी के यूपी स्टेट कन्वीनर सुनील दत्त विश्वकर्मा सुरभि जयवर्धने, क्लब इंडिया के डायरेक्टर संतोष रजक और सैकड़ों की संख्या में कलाकार और दर्शक उपस्थित थे।

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