राष्ट्रपिता ने सभी को एक सूत्र में पिरोने का किया का काम, तब मिली आजादी:सूरज महतो
DHANBAD | सोमवार 2 अक्तूबर को कांको मोड़ स्थित जनशक्ति दल के प्रधान कार्यालय पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जयंति मनाई गई। संगठन के अध्यक्ष सूरज महतो उपस्थित लोगों को संबोधित किया। श्री महतो ने गांधी जी जीवनी पर प्रकाश डाला तथा उनके बताए मांर्ग पर चलने पर जाेर दिया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी निश्चित रूप से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे प्रमुख व्यक्ति थे। उन्हें “राष्ट्र पिता” की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका जन्म 2 अक्तूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे, जिन्होंने आजादी की जंग में भारतीयों को एक किया और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई। देबू सिंह ने सभा को संबोधन करते हुए गांधी जी के जीवनी के बारे में कुछ बातें रखीं। सभा में उपस्थित सरयू राम, महादेव दास,देबू सिंह,सुल्तान,रविंद्र रजवाड़,बलराम महतो, सूरेश महतो, रणधीर महतो, सुबोध, रूपेश, बवन, साधन, सोनू आदि लोगों ने गांधी जी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया।