Baghmara News: सीओ बाल किशोर महतो के खिलाफ रैयतों का ने किया जोरदार प्रदर्शन, शवयात्रा निकालकर किया पुतला दहन

सीओ बाल किशोर महतो के खिलाफ रैयतों का ने किया जोरदार प्रदर्शन

सीओ बाल किशोर महतो के खिलाफ रैयतों का ने किया जोरदार प्रदर्शन

Baghmara News: प्रशासनिक प्राथमिकी के बावजूद आंदोलन तेज, रैयतों ने बताया सीओ को शोषक

Baghmara News: इंद्रा चौक से निकाली गई शवयात्रा, अंचल कार्यालय के बाहर किया पुतला दहन

Baghmara News: धनबाद जिले के बाघमारा अंचल में भूमि विवाद को लेकर रैयतों और प्रशासन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सीओ बाल किशोर महतो द्वारा दर्ज करवाई गई प्राथमिकी के बावजूद रैयतों ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत इंद्रा चौक से शवयात्रा निकालकर अंचल कार्यालय के बाहर उनका पुतला जलाया। इस प्रदर्शन में सबसे बड़ी संख्या महिलाओं और उनके परिजनों की थी, जिनके नाम पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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रैयतों का आरोप – सीओ कर रहे हैं उत्पीड़न, समाधान के बदले गढ़ रहे झूठी कहानियां

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कमल महतो, दिलीप कुमार महतो और लक्ष्मी देवी ने आरोप लगाया कि सीओ बाल किशोर महतो रैयतों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय शोषण और अत्याचार पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग शांतिपूर्वक संवैधानिक दायरे में रहकर अपनी भूमि के डिजिटलाइजेशन और अन्य मुद्दों का समाधान चाहते थे, लेकिन सीओ ने फर्जी कहानियां गढ़कर उनके खिलाफ थाना में केस दर्ज करवा दिया।

प्रदर्शन को मिली प्रशासनिक स्वीकृति, फिर भी दर्ज की गई प्राथमिकी

रैयतों का दावा है कि उनके आंदोलन को एसडीओ, धनबाद द्वारा वैधानिक स्वीकृति दी गई थी, जिसकी पुष्टि पत्रांक 1146(सी) दिनांक 23 अप्रैल 2025 से होती है। बावजूद इसके सीओ ने उनकी आवाज दबाने के लिए कानूनी हथकंडे अपनाए, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है।

संविधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा: रैयतों की चेतावनी

कमल महतो ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी फर्जी मुकदमे से डरने वाले नहीं हैं और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए धरना-प्रदर्शन जैसे संवैधानिक उपायों को अपनाते रहेंगे। उन्होंने एलान किया कि आगामी मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित रणधीर वर्मा चौक पर सीओ और अब डीसी का भी पुतला दहन किया जाएगा।

राज्य सरकार पर भी संरक्षण देने का आरोप

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सीओ बाल किशोर महतो को राज्य सरकार के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं हो रही। रैयतों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

निष्कर्ष

रैयतों और प्रशासन के बीच बढ़ती खाई अब खुलकर सड़कों पर दिखाई दे रही है। सीओ बाल किशोर महतो के खिलाफ जारी यह विरोध सिर्फ भूमि विवाद नहीं, बल्कि ग्रामीणों के अधिकारों और प्रशासनिक जवाबदेही की मांग का प्रतीक बन गया है।