महुदा, 14 अक्तूबर: नॉवेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के आह्वान पर बाल विवाह मुक्त भारत निर्माण के लिए आगामी 16 अक्तूबर को देश भर में महिला, किशोरी एवं स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा शाम को कैंडल मार्च निकाला जाएगा। उक्त जानकारी देते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के सहयोगी संस्था झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट के सचिव हलीमा एजाज ने कहा कि 16 अक्तूबर को झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट द्वारा धनबाद के बाघमारा प्रखण्ड के दस पंचायती में महिला एवं किशोरियों के नेतृत्व में संध्या को कैंडल मार्च निकाली जाएगी एवं अपने अपने गांव को बाल विवाह मुक्त गांव बनाने का संकल्प लिया जाएगा। गांव में महिला एवं किशोरियों को संकल्प पंचायत के मुखिया एवं वार्ड सदस्यों द्वारा कराया जायेगा। हलीमा एजाज ने आगे कहा की बाल विवाह के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाने की आवश्यकता है जिसकी शुरुआत हो चुकी है, बाल विवाह मुक्त भारत निर्माण के आंदोलन का नेतृत्व आदरणीय कैलाश सत्यार्थी जी कर रहे है। झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट बाल मुक्त समाज का निर्माण के लिए धनबाद जिला में वर्षो से सामाजिक आंदोलन चला रखा है, इस अभियान को सफल बनाने में झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट के पुजा कुमारी, माला देवी, गुलनाज बानो एवं विनोद महतो नईमुद्दीन अंसारी लगे हुए है।उन्होंने समाज के प्रबुद्ध वर्गो, मीडिया कर्मियों से इस अभियान में सहयोग की अपील की है।
Related Posts
सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर मढ़ा एक और घोटाले का आरोप, हेमंत से की शिकायत
आश्चर्य है कि मंत्रिपरिषद द्वारा पारित संकल्प के आधार पर JMHIDPCL द्वारा प्रकाशित निविदा द्वारा चयनित आउटसोर्सिंग कम्पनी का पैनल मंत्री ने स्वयं रद्द कर दिया और मंत्रिपरिषद को सूचित किये बिना अपने स्तर पर ही उन्होंने विज्ञापन निकालकर एजेंसी नियुक्त करने का निर्देश सिविल सर्जन और अस्पताल के अधीक्षकों को दे दिया.
चिरकुंडा में बस के धक्के से छात्रा की मौत, विरोध में 6 घंटे तक सड़क जाम
Telegram Group Join Now Instagram Group Join Now WhatsApp Channel Join WhatsApp धनबाद : चिरकुंडा राणी सती मंदिर के पास…
अतिक्रमण हटाने के दौरान फुटपाथ दुकानदारों की रोजी-रोटी की उत्पन्न समस्या के समाधान के लिए नगर आयुक्त से वार्ता
ब्रजेंद्र सिंह ने कहा की 2014 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारत में फ़ुटपाथ विक्रेताओं के अधिकारों की रक्षा करने और पथ विक्रय गतिविधियों को विनियमित करने के लिए पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम लागू किया था। यह अधिनियम शहरी गरीबी कम करने के लिए स्व-रोज़गार का एक ज़रिया उपलब्ध कराने के साथ-साथ पथ विक्रय गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए भी है।