BCCL PB Area: धनबाद जिले में बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा की गई हैवी ब्लास्टिंग के कारण एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि आसपास के कई घरों में दरारें आ गईं। घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने और आउटसोर्सिंग कंपनियों की मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
शव रखकर प्रदर्शन, विधायक ने किया समर्थन
गुस्साए ग्रामीणों ने बीसीसीएल पीबी एरिया महाप्रबंधक कार्यालय के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया। घटना की जानकारी मिलते ही डुमरी विधायक जयराम महतो भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार के साथ आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए उचित मुआवजे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
कैसे हुई घटना?
मृतक लालू बाउरी के बेटे अजय बाउरी ने बताया कि उनके पिता दिहाड़ी मजदूर थे। गुरुवार को बीसीसीएल पीबी एरिया 7 के गोपालीचक में संचालित आउटसोर्सिंग कंपनी ने हैवी ब्लास्टिंग की।
- ब्लास्टिंग इतनी तेज थी कि पूरी कॉलोनी में भूकंप जैसी हलचल महसूस की गई।
- ब्लास्टिंग के कारण पत्थर उड़कर घरों पर गिरने लगे।
- हादसे के समय लालू बाउरी ट्रैक्टर में ईंट लोड कर रहे थे और लोडिंग के बाद ड्राइवर के बगल में बैठ गए।
- अचानक एक तेज रफ्तार पत्थर ट्रैक्टर की छत को चीरते हुए उनके सिर पर गिर गया और वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
- उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बोकारो बीजीएच रेफर कर दिया गया, जहां शुक्रवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
“होली के दिन शोक में डूबा परिवार, प्रशासन बना मूकदर्शक”
विधायक जयराम महतो ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ब्लास्टिंग के कारण उड़ते पत्थरों से लालू बाउरी की जान चली गई। जब पूरा देश होली की खुशियां मना रहा था, तब एक परिवार अपने प्रियजन के शव के साथ धरने पर बैठा था। यह सरकारी अधिकारियों की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।”
उन्होंने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन इंसानों की जान को सब्जी की तरह तौल रहा है। मृतक के परिवार को सिर्फ 1 लाख रुपये मुआवजे की पेशकश की गई, जो किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है।
मुआवजे पर असमंजस, बीसीसीएल प्रबंधन का बयान
बीसीसीएल के प्रबंधक एलएल वर्णवाल ने कहा कि मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने के लिए वार्ता जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की कई मांगें रखी गई हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है।