Bharat Ratan Jyanti || पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जो भारतीय राजनीति में दृढ़ता, दूरदृष्टि और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतीक थे, की 100वीं जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों ने उन्हें याद कर उनके योगदान को नमन किया।
सदैव अटल स्मारक पर पुष्पांजलि
दिग्गजों ने किया नमन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने नई दिल्ली स्थित सदैव अटल स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद भी मौजूद रहे।
अटल जी का जन्म और प्रधानमंत्री कार्यकाल
- अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था।
- वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने।
- पहला कार्यकाल: 1996 (13 दिन)।
- दूसरा कार्यकाल: 1998 (13 महीने)।
- तीसरा कार्यकाल: 1999-2004 (पूर्ण अवधि)।
- वह पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
श्रद्धांजलि और लेख साझा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अटल जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा,
“पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनकी 100वीं जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। उन्होंने सशक्त, समृद्ध और स्वावलंबी भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका विजन और मिशन विकसित भारत के संकल्प में शक्ति का संचार करता रहेगा।”
प्रधानमंत्री ने नमो ऐप पर वाजपेयी जी पर लिखा एक आलेख भी साझा किया। उन्होंने लिखा कि अटल जी ने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए देश को नई दिशा दी और उनका प्रभाव हमेशा “अटल” रहेगा।
मदन मोहन मालवीय को भी नमन
महामना का योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षा के अग्रदूत पंडित मदन मोहन मालवीय को भी उनकी जयंती पर नमन किया। उन्होंने कहा,
“महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। वह न केवल स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी थे, बल्कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति लाई।”
मालवीय जी की विरासत
- जन्म: 25 दिसंबर 1861, प्रयागराज।
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका।
- वर्ष 2014 में भारत रत्न से सम्मानित।
- कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1909) के अध्यक्ष।
निष्कर्ष
अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय जैसे व्यक्तित्व भारतीय इतिहास के ऐसे नायक हैं, जिन्होंने अपनी दूरदृष्टि और समर्पण से देश को नई दिशा दी। उनकी जयंती पर उन्हें याद करना न केवल उनके योगदान का सम्मान है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
“अटल जी का जीवन और महामना का योगदान सदैव हमें प्रेरित करता रहेगा। उनके विचार और मूल्य हमें सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में अग्रसर करते रहेंगे।”