BIT Sindri: बीआईटी सिंदरी के छात्र ने निकाला कैंडल मार्च, किया आतंकवाद का विरोध

बीआईटी सिंदरी के छात्र ने निकाला कैंडल मार्च

बीआईटी सिंदरी के छात्र ने निकाला कैंडल मार्च

BIT Sindri: मौन मार्च में शामिल हुए सैंकड़ों छात्र-छात्राएं, दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

BIT Sindri: 26 अप्रैल: बिरसा प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी) सिंदरी के छात्रों ने हाल ही में पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रकट करने के लिए एक भव्य कैंडल मार्च का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करना और शांति के संदेश को फैलाना था।

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प्रशासनिक भवन से केंद्रीय लॉन तक मौन जुलूस

मौन मार्च की शुरुआत बीआईटी सिंदरी के प्रशासनिक भवन से हुई, जहाँ सैकड़ों छात्र हाथों में मोमबत्तियां लेकर शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़े। हर कदम पर उनकी चुप्पी देश भर में पसरे गहरे शोक और दर्द की भावना को दर्शा रही थी। मार्च केंद्रीय लॉन पर समाप्त हुआ, जहां छात्रों ने एकजुट होकर आतंकवाद की क्रूरता के खिलाफ मौन प्रतिरोध दर्ज कराया।

संस्थान के निदेशक और प्रोफेसरों की उपस्थिति से बढ़ी गरिमा

कार्यक्रम की गरिमा को बीआईटी सिंदरी के निदेशक डॉ. पंकज राय और वरिष्ठ प्रोफेसर प्रो. (डॉ.) घनश्याम तथा प्रो. आर.के. वर्मा की उपस्थिति से और बल मिला। उनके साथ छात्रों ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय करुणा का एक सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया।

छात्रों ने मोमबत्तियों और प्लेकार्ड के जरिए दिया शांति का संदेश

छात्रों ने अपने हाथों में टिमटिमाती मोमबत्तियां और शांति, एकता तथा आतंकवाद उन्मूलन के संदेश वाले प्लेकार्ड थाम रखे थे। यह दृश्य शोक और एकजुट संकल्प का प्रतीक था, जिसमें युवाओं ने हिंसा के हर स्वरूप के खिलाफ अपने दृढ़ इरादे को प्रदर्शित किया। भारी संख्या में छात्रों की भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि आज की युवा पीढ़ी राष्ट्रीय मुद्दों के प्रति सजग और संवेदनशील है।

निदेशक ने छात्रों की एकजुटता की सराहना की

मौन मार्च के समापन पर निदेशक डॉ. पंकज राय ने छात्रों की पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि बीआईटी सिंदरी शांति और मानवता के मूल्यों को सर्वोपरि मानता है। उन्होंने कहा कि एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण आवश्यक है जो हिंसा का हर स्तर पर विरोध करे। प्रो. (डॉ.) घनश्याम और प्रो. आर.के. वर्मा ने भी अपने संबोधन में मानवता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।

बीआईटी सिंदरी कैंडल मार्च बना सामाजिक चेतना का प्रतीक

बीआईटी सिंदरी का यह मौन कैंडल मार्च एक प्रेरणादायक संदेश लेकर आया कि शैक्षणिक संस्थान समाज की वास्तविकताओं से अछूते नहीं हैं। छात्रों और शिक्षकों ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाई और हिंसा मुक्त दुनिया के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया। कार्यक्रम का समापन साझा उद्देश्य और करुणामय नागरिकता की भावना के साथ हुआ।