Congress 84th Plenary Session 2025: मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति में झंडावंदन से हुई शुरुआत
Congress 84th Plenary Session 2025: गुजरात में 64 साल बाद हो रहा कांग्रेस का अधिवेशन, ‘न्यायपथ’ थीम के साथ संगठन को पुनर्गठन की दिशा
Congress 84th Plenary Session 2025: कांग्रेस कार्यकर्ता डरा नहीं, बिकाऊ नहीं: शक्तिसिंह गोहिल ने कविता में भरा जोश
Congress 84th Plenary Session 2025: Congress 84th Plenary Session 2025 का आयोजन गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट पर भव्यता के साथ जारी है। अधिवेशन का यह दूसरा दिन कई राजनीतिक रणनीतियों, विचार-विमर्श और संगठनात्मक समीक्षा का गवाह बना। सुबह अधिवेशन की शुरुआत झंडावंदन से हुई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी मौजूद रहे।
इस बार अधिवेशन की थीम ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ रखी गई है, जो पार्टी के जनसंघर्ष और भविष्य की राजनीति को दर्शाने वाली है। इस आयोजन में देशभर से आए 1700 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं और यह मंच कांग्रेस के भावी रोडमैप का स्वरूप तय कर रहा है।
Congress 84th Plenary Session 2025: संगठन सशक्तिकरण और आगामी चुनावी रणनीति पर मंथन
गुजरात कांग्रेस के लिए यह अधिवेशन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसका उद्देश्य है 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए ठोस रणनीति तैयार करना और राज्य में संगठन को पुनर्जीवित करना। अधिवेशन स्थल वीवीआईपी डोम को विशेष रूप से तैयार किया गया है, जहां कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी की वर्तमान स्थिति, चुनावी दिशा और जनआंदोलनों पर विमर्श किया जा रहा है।
Congress 84th Plenary Session 2025: शक्तिसिंह गोहिल की कविता ने कार्यकर्ताओं में फूंकी ऊर्जा
गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक भावपूर्ण कविता के जरिए पार्टी के आत्मबल को रेखांकित किया। उन्होंने स्पष्ट कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ता डरा नहीं है, न बिकाऊ है। कुछ लोग छोड़कर गए, लेकिन पार्टी की आत्मा मजबूत है।” उनकी यह पंक्तियां अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों को जोश और समर्पण से भर गईं।
Congress 84th Plenary Session 2025: गुजरात में 64 वर्षों बाद ऐतिहासिक अधिवेशन, गांधी-सरदार की धरती से नई शुरुआत
यह अधिवेशन ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि गुजरात में कांग्रेस का अधिवेशन 64 साल बाद हो रहा है। इससे पूर्व 1961 में भावनगर में अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस वर्ष महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती होने के कारण कांग्रेस ने इस आयोजन के लिए गुजरात को चुना।
यह स्थल न केवल ऐतिहासिक है बल्कि प्रतीकात्मक भी है — जहां से कांग्रेस एक बार फिर जमीनी राजनीति की ओर लौटने का संदेश दे रही है। पार्टी का लक्ष्य है युवाओं को जोड़ना, वैकल्पिक राजनीति प्रस्तुत करना और कार्यकर्ताओं को निचले स्तर पर संगठित करके 2027 के चुनावों के लिए मजबूती से खड़ा होना।
Congress 84th Plenary Session 2025 कांग्रेस के लिए आत्ममंथन, रणनीति और समर्पण का प्रतीक बनकर उभर रहा है — जो आने वाले समय में पार्टी के राजनीतिक भविष्य की नींव रखेगा।
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