DHANBAD | आजादी के बाद देश की सरकार ने कोयला उद्योग को व्यवस्थित,वैज्ञानिक खनन् पद्धति,कार्यरत श्रमिकों का स्थिति में सुधार,सुरक्षात्मक ढंग से कुशलतापूर्वक कोयला उत्पादन बढ़ाने,ऊर्जा के साधन को सरकार के नियंत्रण और संचालन में रखने के उद्देश्य से इस महत्वपूर्ण उद्योग को निजी मालिकों से लेकर सार्वजनिक उपक्रमों में शामिल करने के उद्देश्य से वर्ष 1971-72 एवं 1973 को राष्ट्रीयकरण किया गया था।कोयला निजी हाथों से निकाल कर कोल इंडिया के अधीन कर दिया गया।
आज वर्तमान मोदी सरकार ठीक उल्टा काम कर रही है। सरकार की सम्पत्ति को निजी हाथों में औने-पौने दाम पर बेच रही है, भाजपा की नेतृत्व वाली मोदी सरकार। वर्ष 2014 के बाद निजी कंपनियों द्वारा लगातार नया-नया प्रयोग कर सार्वजनिक उपक्रमों को हड़पने की रणनीति अपनाई जा रही है। अब केंद्र सरकार MDO Model (Mining Developer & Operator Model) लेकर आई है। इसके तहत् राजस्व साझाकरण के आधार पर कोयले की खुदाई,निस्तारण, संचालन,नियंत्रण इत्यादि कार्य निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा।यानि कोयला का मालिकाना अधिकार निजी कंपनियों को सौंपना है। इसी नई रणनीति के साथ केंद्र सरकार ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की सलानपुर कोलियरी को 9% राजस्व हिस्सेदारी पर RK Transporting के ठीकेदार को 25 वर्षों के लिए कार्य सौंपा है. लाभ होने पर पूर्व निर्धारित राजस्व हिस्सेदारी मिल जाएगा। यदि व्यवसाय में घाटा होता तो उसे भी साझेदारों के बीच विभाजित कर दिया जाए। जिस क्षेत्र को कम्पनी को सौंपा जाएगा उस क्षेत्र से BCCL यानी सरकार का नियंत्रण खत्म हो जाएगी, कोयला भी कोल इंडिया का नहीं, निजी मालिकों का होगा खुदाई निस्तारण संचालन, विस्थापन, बिजली, पानी, सड़क आदि कल्याण के सभी कार्य भी निजी कंपनियां करेंगी। BCCL LTD एक लोक कल्याणकारी सरकारी संस्था है इसलिए जनकल्याण के कार्य किया करती है लेकिन निजी कंपनियां लाभ कमाने वाली मालिकों का संस्था है जहां जनकल्याण का सपना भी नहीं देखा जा सकता है। कम्पनी अपना कोल साइलो बनायेगी, जहां कोयला जमा किया जायेगा और फिर मनमाने दाम पर बेच कर अधिक लाभ कमायेगी। बिजली, सीमेंट स्टील, लोहा इत्यादि कोयले पर निर्भर उद्योग के उत्पाद का दाम मनमानी ढंग से निर्धारित होगा और मंहगाई बढ़ेगा, यानि फिर से मालिक राज ला रहें हैं मोदी जी। जिसका पहला प्रयोग है सलानपुर कोलियरी और इसी तरह एक के बाद एक कोलियरी बेचता चला जायेगा केन्द्र की मोदी सरकार। जनता इस महाविनाश को रोक सकती है आगे आयें और बचाएं सार्वजनिक उद्योग की अपनी उपक्रमों को।
MDO Model के तहत् सिर्फ 9% हिस्सेदारी पर बिक गई सलानपुर कोलियरी….। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी ने मालिकों से कोलियरीयां लेकर जनता और देश की सम्पत्ति बनाई थी। इंदिरा गांधी देश के लिए बलिदान दी। आज वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश और जनता की सम्मति को निजी मालिकों को सौंप रही हैं। इस तरह के जनविरोधी निर्णय का विरोध हो! अतःसार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण पर रोक लगाने और MDO Model वापस लेने की मांग करते हैं।
निवेदक:- राजेन्द्र प्रसाद राजा-सचिव CITU झारखण्ड राज्य कमिटी सह नेता झामुमो।