Dhanbad News: आचार्य संतोष त्रिवेदी ने रामायण भेंट कर उदय प्रताप सिंह को किया सम्मानित

आचार्य संतोष त्रिवेदी ने रामायण भेंट कर उदय प्रताप सिंह को किया सम्मानित

आचार्य संतोष त्रिवेदी ने रामायण भेंट कर उदय प्रताप सिंह को किया सम्मानित

Dhanbad News: आध्यात्मिक भक्ति और सेवा भावना से ओतप्रोत रहा मानस महाधिवेशन का समापन समारोह

Dhanbad News: धनबाद के मानस मंदिर, जगजीवन नगर में आयोजित मानस प्रचार समिति का 53वां मानस महाधिवेशन शनिवार को विधिवत रूप से संपन्न हुआ। संस्था ने अध्यात्म और भक्ति के प्रचार-प्रसार के संकल्प के साथ यह आयोजन किया, जिसमें श्रद्धालु भक्तों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। समापन अवसर पर रविवार को पूर्णाहुति हवन एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

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उदय प्रताप सिंह को रामायण देकर किया गया सम्मानित

अयोध्या धाम से पधारे मानस मर्मज्ञ और प्रवचनकर्ता आचार्य संतोष त्रिवेदी महाराज ने श्रीराम सेना के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी उदय प्रताप सिंह को अंग वस्त्र एवं रामायण प्रदान कर सम्मानित किया। इस सम्मान समारोह में उपस्थित अन्य भक्तों को भी आशीर्वाद स्वरूप रामायण भेंट की गई। आचार्य जी ने धर्म, सेवा और राष्ट्रभावना से जुड़े कार्यों को प्रेरणादायी बताया और सभी को श्रीराम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।

भंडारे में जुटे सैकड़ों श्रद्धालु, समिति के पदाधिकारियों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

इस आयोजन में समिति के अध्यक्ष निरंजन सिंह, कोषाध्यक्ष निशांत नारायण, सचिव विनोद दुबे सहित समिति के प्रमुख सदस्य मुकेश सिन्हा, शशि अग्रवाल, शमशेर सिंह राठौड़, गौरव सिंह, कन्हाई भट्टाचार्य, अरुण सिंह, साधुसरण पाठक, योगेंद्र मिश्रा, रामप्रवेश शर्मा, शशि श्रीवास्तव समेत अनेक सदस्य मौजूद रहे। भंडारे की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में राजेश गुप्ता, अजित गुप्ता, राजेश सिंह, अरविन्द कुमार, स्वप्ना अधिकारी, राहुल कुमार, मुकतेश्वर महतो, समरेन्द्र सिंह, अशोक दा, शुक्ला, नरेश यादव, सुशील सिंह, प्रदीप सिंह चौधरी, मनोज झा सहित अन्य कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय रही।

निष्कर्ष

अध्यात्म, सेवा और सम्मान का संगम बना यह आयोजन

आचार्य संतोष त्रिवेदी द्वारा उदय प्रताप सिंह को रामायण भेंट कर सम्मानित करना न केवल भक्ति भाव को उजागर करता है बल्कि समाजसेवियों के प्रति आभार की भावनाओं को भी दर्शाता है। मानस प्रचार समिति का यह आयोजन अध्यात्म और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया।