Dhanbad News: 43 पुस्तकों के लेखक को मिली राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी, संगठन में किए गए कई महत्वपूर्ण मनोनयन
Dhanbad News: सर्वोच्च मानवाधिकार संरक्षण एसएमएस (Human Rights Protection SMS) के पुनर्गठन की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सुप्रसिद्ध लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता भागवत प्रसाद वशिष्ठ को संगठन का नेशनल इंचार्ज मनोनीत किया गया है। भागवत प्रसाद वशिष्ठ, जिन्होंने अब तक 43 पुस्तकें लिखी हैं, को इस ज़िम्मेदारी के साथ राष्ट्रीय स्तर पर संगठन को नई दिशा देने की अपेक्षा की जा रही है।
प्रमुख पदों पर की गई नई नियुक्तियां
संगठन के राष्ट्रीय ढांचे में अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्तियां की गई हैं। संतोष कुमार शर्मा को अध्यक्ष, डॉ. रघुवंश प्रसाद मिश्रा को सचिव और डॉ. अनुराधा कोषाध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया है। झारखंड राज्य इकाई की कमान त्रिलोचन पाण्डेय को सौंपी गई है, जबकि प्रदेश सचिव की ज़िम्मेदारी सुरेश चंद्र तिवारी को दी गई है। संगठन में एमडी पद पर गोपाल पाण्डेय और सीएमडी के रूप में एच के मिश्रा को चुना गया है।
राज्यस्तरीय और कार्यकारी समिति में विविध प्रतिनिधित्व
राज्यवार काउंसिल एक्सक्युटिव कमिटी में भी वरिष्ठ और अनुभवी चेहरों को शामिल किया गया है। को चेयरमैन के रूप में राधेश्याम गोस्वामी, प्रमोद कुमार दूबे, बोबी पाण्डेय, सुभद्रा झा, और राजीव रंजन त्रिवेदी को नियुक्त किया गया है। साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ताओं – रमाकांत ओझा, दीपक कुमार चौबे, विजय कुमार पाण्डेय और सुरेश तिवारी को भी संगठन में स्थान दिया गया है। इनके साथ प्रमोद कुमार, श्रीमती कुमारी, मोहम्मद जाहिद, अनीस अंसारी, बैद्यनाथ साहु, मिथिलेश पाण्डेय, अरुण कुमार राजवंशी और शुभाशीष पाण्डेय को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
संगठन की दिशा और उद्देश्य
कार्यक्रम के दौरान झारखंड प्रदेश सचिव सुरेश चंद्र तिवारी ने कहा कि मानवाधिकार संरक्षण की जिम्मेदारी एक सामाजिक कर्तव्य है जिसे वह पूरी निष्ठा से निभाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि समाज में हो रहे शोषण और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी और हर पीड़ित को न्याय दिलाने की कोशिश की जाएगी।
निष्कर्ष
मानवाधिकार संरक्षण के लिए सशक्त नेतृत्व और व्यापक संगठनात्मक विस्तार
सर्वोच्च मानवाधिकार संरक्षण एसएमएस के इस नए पुनर्गठन से संगठन को न केवल एक सक्षम नेतृत्व मिला है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में इसकी भूमिका और भी मजबूत होगी। भागवत प्रसाद वशिष्ठ जैसे अनुभवी व्यक्तित्व की नियुक्ति से यह आशा की जा रही है कि संगठन राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार के प्रति जनजागरूकता और कार्यशीलता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।