Naxal operation Jharkhand: झारखंड में नक्सलियों पर पुलिस का कड़ा प्रहार
Naxal operation Jharkhand: सारंडा के बाबूडेरा जंगल में संयुक्त सर्च अभियान
Naxal operation Jharkhand: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगल में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बाबूडेरा जंगल में चलाए जा रहे सघन सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने सात आईईडी बम बरामद किए, जिन्हें मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा 11 नक्सली बंकर और 6 डंप को भी ध्वस्त किया गया है।
इन बंकरों में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा और उसकी टीम के ठहरने की व्यवस्था थी। ये बंकर नक्सलियों की रणनीतिक गतिविधियों के लिए तैयार किए गए थे।
टोंटो थाना क्षेत्र में भी कार्रवाई
वनग्राम लुइया और बकराबेरा क्षेत्र में भी सर्च अभियान चलाया गया, जहां से दो और आईईडी बम बरामद कर नष्ट किए गए। पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की संयुक्त कार्रवाई में भाकपा (माओवादी) के बड़े नेताओं – अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत और रापा मुंडा – के जंगलों में सक्रिय रहने की सूचना मिली है।
इसलिए चाईबासा पुलिस, कोबरा 203 व 209 बटालियन, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ द्वारा एक संयुक्त सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।
लुगू पहाड़ में भीषण मुठभेड़, 8 नक्सली ढेर
बोकारो जिले के ललपनिया थाना क्षेत्र के लुगू पहाड़ की तलहटी में सोमवार को पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में झारखंड-बिहार में सक्रिय और तीन लाख के इनामी नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा समेत 8 नक्सली मारे गए। पुलिस को यह सफलता गोपनीय सूचना के आधार पर मिली।
अरविंद यादव बिहार के जमुई जिले के सोनो थाना क्षेत्र के भेलवा मोहनपुर गांव का रहने वाला था और वह भाकपा माओवादी की स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य था।
नक्सलियों के विरुद्ध अब तक की बड़ी कार्रवाइयाँ
- 9 जनवरी 2011: चतरोचटी थाना क्षेत्र के जरिया में धर्मेंद्र महतो समेत तीन नक्सली मारे गए।
- वर्ष 2015: अमन पहाड़ के नीचे अंबानाला के पास देवलाल मांझी ढेर।
- 2025 में अब तक: गोमिया प्रखंड में तीन मुठभेड़ों में कुल 12 नक्सली मारे जा चुके हैं।
पुलिस को लगातार मिल रही सफलता
सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई नक्सली नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक अहम कदम है। झारखंड पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सक्रियता से अब नक्सलियों की रणनीति पर गहरा असर पड़ा है। पुलिस विभाग में इस सफलता को लेकर उत्साह है और भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहने की संभावना है।