Dhanbad News: धनबाद ग्रामीण और महानगर इकाइयों की भागीदारी, अल्पसंख्यकों के बीच फैलाई जाएगी सच्चाई
Dhanbad News: वक्फ कानून पर भाजपा का सक्रिय जनसंपर्क अभियान
Dhanbad News: वक्फ कानून को लेकर फैल रही भ्रांतियों को दूर करने और सही जानकारी देने के उद्देश्य से वक्फ सुधार जनजागरण अभियान के अंतर्गत धनबाद जिला भाजपा कार्यालय में ग्रामीण एवं महानगर इकाइयों की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अभियान के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर खासकर अल्पसंख्यक समुदाय को वक्फ कानून में हुए संशोधनों की वास्तविकता से अवगत कराएंगे।
विपक्ष पर तुष्टिकरण और भ्रम फैलाने का आरोप
कार्यशाला को संबोधित करते हुए झारखंड प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता बालमुकुंद सहाय ने कहा कि विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है। उन्होंने वर्ष 2013 में तुष्टिकरण की राजनीति के तहत वक्फ अधिनियम में संशोधन किया, जबकि मोदी सरकार ने मुसलमानों के व्यापक हित में पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक सुधार किए हैं।
वक्फ संपत्तियों की निगरानी और पारदर्शिता की दिशा में कदम
हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन और कार्यशाला के सह-वक्ता मोहम्मद रिजवान खान ने कहा कि कांग्रेस द्वारा किए गए संशोधन के बाद वक्फ की संपत्ति में बेहिसाब वृद्धि हुई, लेकिन इसका लाभ आम मुसलमानों को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का ‘सबका साथ, सबका विकास’ का सिद्धांत ही वक्फ सुधार की नींव है, जिससे अब पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा रही है।
कार्यशाला में नेताओं ने रखा साझा विजन
इस कार्यशाला की अध्यक्षता महानगर भाजपा अध्यक्ष श्रवण राय ने की, जबकि स्वागत भाषण ग्रामीण जिलाध्यक्ष घनश्याम ग्रोवर ने दिया। संचालन महामंत्री मानस प्रसून द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन मनोज मिश्रा ने प्रस्तुत किया। सभी वक्ताओं ने अभियान को जमीनी स्तर तक ले जाने का संकल्प दोहराया।
वृहद सहभागिता और सामूहिक प्रयास
कार्यशाला में भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता जैसे सत्येंद्र कुमार, धर्मजीत सिंह, तारा देवी, शेखर सिंह, मोहन कुंभकार, जहीर अंसारी, रामप्रसाद महतो, बलदेव महतो, प्रकाश बाऊरी, और कई अन्य उपस्थित रहे। इन सभी ने जनजागरण अभियान को सफल बनाने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई।
निष्कर्ष
भाजपा का वक्फ सुधार जनजागरण अभियान केवल एक राजनीतिक पहल नहीं, बल्कि एक सामाजिक संवाद है, जो अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाने और तथ्यों से अवगत कराने की दिशा में अग्रसर है। यह अभियान पारदर्शिता, विकास और जागरूकता के जरिए सामाजिक एकता को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।