Divyang Welfare Scheme: डोर-टू-डोर कैंपेन के तहत न्यायिक पहल से दिव्यांगों को मिला सहारा
Divyang Welfare Scheme: न्याय तक पहुंच को सुलभ बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) ने मंगलवार को झरिया क्षेत्र के चार ज़रूरतमंद दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल प्रदान की। यह सेवा झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के तत्वावधान में चल रहे डोर टू डोर कैंपेन के अंतर्गत प्रदान की गई।
न्यायाधीश के निर्देश पर हुई पहल
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर यह सहायता उपलब्ध कराई गई। डालसा के अवर न्यायाधीश सह सचिव मयंक तुषार टोपनो ने जानकारी दी कि झालसा के आदेश पर पूरे जिले में डोर-टू-डोर अभियान सक्रिय रूप से चलाया जा रहा है, जिसके तहत वंचितों तक सरकार की योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं।
चिन्हित दिव्यांगों को मिली सुविधाएं
इस अभियान के अंतर्गत अधिकार मित्र डिपेंटी कुमारी गुप्ता और हेमराज चौहान द्वारा चार दिव्यांगों की पहचान की गई। इनमें से तीन दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल दी गई, जबकि एक सौ प्रतिशत दृष्टिबाधित व्यक्ति को दिव्यांग प्रमाण पत्र, ब्लाइंड किट और दिव्यांग पेंशन जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं।
इस अवसर पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अलका रानी, पर्यवेक्षिका शशि प्रिया, राधा देवी, ऊषा कुमारी, पूनम लकड़ा, डालसा सहायक राजेश कुमार सिंह समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।
दिव्यांग हितों की रक्षा में डालसा की भूमिका
डालसा के सचिव मयंक तुषार टोपनो ने बताया कि संगठन समाज के हर दिव्यांग व्यक्ति को सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं और त्वरित न्याय की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। यह अभियान केवल एक सहायता वितरण कार्यक्रम नहीं, बल्कि “Divyang Welfare Scheme” के माध्यम से न्यायिक संवेदनशीलता की मिसाल है।
निष्कर्ष
डालसा का यह प्रयास न केवल दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं को पहचानने और पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज में समावेशन और सशक्तिकरण की भावना को भी मजबूती देता है।