हरियाली तीज का व्रत आज, जानें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त : सावन में हरियाली तीज ही वो दिन है, जब माता पार्वती की श्रद्धा देखकर भोले भंडारी प्रसन्न हुए थे और उन्होंने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था

विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए यह व्रत बहुत उत्तम माना जाता है

नयी दिल्ली : कहते हैं सावन में हरियाली तीज ही वो दिन था, जब माता पार्वती की श्रद्धा देखकर भोले भंडारी प्रसन्न हुए थे और उन्होंने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसलिए इस दिन जो कोई भी पूरी श्रद्धा के साथ गौरी-शंकर की पूजा करता है मन माफिक फल पाता है।
आज हरियाली तीज है. हरियाली तीज का व्रत शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक के लिए सबसे उत्तम माना गया है. कहते हैं आइए हरियाली तीज की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं.

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हरियाली तीज का महत्व


श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए तीज का त्योहार मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया थाय वृक्ष, नदियों औक जल के देवता वरुण की भी उपासना इसी दिन की जाती है. मनचाहे वर की प्राप्ति और विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए यह व्रत बहुत उत्तम माना जाता है.


पूजन विधि


हरियाली तीज पर सुबह स्नान करके उपवास और पूजा का संकल्प लें. दिनभर अधिक से अधिक शिवजी और माता गौरी का ध्यान करें. प्रदोष काल में सम्पूर्ण श्रृंगार करके शिवजी के मंदिर जाएं. भगवान शिव को पीले वस्त्र और पुष्प अर्पित करें. माता पार्वती को लाल वस्त्र और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. इसके बाद शिवजी और माता गौरी के मंत्रों का जाप करें. मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं. श्रृंगार की सामग्री किसी सुहागन स्त्री को दान कर दें.


पूजा का शुभ मुहूर्त


हरियाली तीज पर आज पूजा के तीन शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 05.46 बजे से सुबह 09.06 बजे तक रहेगा. पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10.46 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक और तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 05:27 बजे से शाम 07.10 बजे तक रहेगा.


इन बातों का रखें ध्यान


हरियाली तीज के दिन काले, सफेद या भूरे रंग के वस्त्र धारण न करें. इस दिन घर घर में मांस-मछली या तामसिक चीजों का सेवन न करें. केवल सात्विक चीजों का ही सेवन करें. घर में लड़ाई-झगड़ा या कलह न करें. बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं या द्वार पर आए लोगों का अनादर न करें. क्रोध या अहंकार करने वालों से भोलेनाथ रुष्ट हो सकते हैं.