Illegal Coal Trade in Mandra Panchayat: सार्वजनिक संसाधनों पर कब्ज़ा कर फल-फूल रहा अवैध कोयला कारोबार
Illegal Coal Trade in Mandra Panchayat: एक ओर जहां पंचायत सचिवालयों का निर्माण ग्रामीण विकास, जनकल्याण और प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिए किया जाता है, वहीं मंदरा पंचायत सचिवालय अब Illegal Coal Trade in Mandra Panchayat का केंद्र बन गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दिन में जहां सामान्य सरकारी कार्य किए जाते हैं, वहीं रात के अंधेरे में यह भवन अवैध कोयला कारोबार का अड्डा बन जाता है।
पुलिस और CISF की चुप्पी से मजबूत हो रहा अपराध तंत्र
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस अवैध कार्य में बरोरा पुलिस और एरिया-1 CISF की चुप्पी भी संदेह के घेरे में है। ग्रामीणों का कहना है कि कोयले की ढुलाई छोटे वाहनों और ट्रैक्टरों से रात में की जाती है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की निष्क्रियता से तस्करों के हौसले बुलंद हैं। कई बार देखे जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, जिससे यह व्यापार दिन-ब-दिन फैलता जा रहा है।
राजनीतिक और स्थानीय संरक्षण से चल रहा धंधा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस गोरखधंधे में प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत भी शामिल है, जो सत्ता और रसूख के दम पर कार्रवाई को प्रभावित करते हैं। इसी कारण प्रशासनिक तंत्र “शंकर बाबा के डमरू” की तरह थिरकता दिख रहा है — जहां चाहा, वहां नजर आया, और जहां नहीं चाहा, वहां पूरी तरह से नज़रअंदाज।
सोशल मीडिया पर उठी जनचेतना की लहर
इस पूरे प्रकरण की जानकारी जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, जनता में आक्रोश देखने को मिला। लोग पंचायत सचिवालय जैसे सार्वजनिक संस्थान की गरिमा की रक्षा और दोषियों पर उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। जनता अब चाहती है कि यह मामला प्रशासनिक टालमटोल की भेंट न चढ़े, और जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई हो।
निष्कर्ष
Illegal Coal Trade in Mandra Panchayat न केवल शासन और प्रशासन की विफलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अगर समय रहते निगरानी नहीं की गई, तो सार्वजनिक संस्थान अपराधियों के अड्डे में बदलते देर नहीं लगेगी। यह ज़रूरी है कि प्रशासन सजग हो, दोषियों पर कार्यवाही हो और पंचायत भवन जैसे स्थानों को जनसेवा के असली केंद्र के रूप में पुनः स्थापित किया जाए।