International Labour Day 2025 in Sindri | सिंदरी में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मई दिवस, मजदूरों के हक की बुलंद हुई आवाज

सिंदरी में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मई दिवस

सिंदरी में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मई दिवस

International Labour Day 2025 in Sindri | CPI(M) Sindri Committee के बैनर तले रंगामाटी में आयोजन, मजदूर अधिकारों की रक्षा का लिया संकल्प

International Labour Day 2025 in Sindri | अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, केंद्र सरकार की नीतियों पर उठे सवाल

International Labour Day 2025 in Sindri | International Labour Day यानी अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर CPI(M) सिंदरी कमेटी द्वारा रंगामाटी में मई दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पार्टी के वरिष्ठ नेता हेमंत कुमार जयसवाल द्वारा लाल ध्वज फहराने के साथ हुई। इसके बाद शिकागो आंदोलन में शहीद हुए अमर मजदूरों को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई और उनके बलिदान को याद किया गया।

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विचार गोष्ठी में उठा मजदूर अधिकारों का मुद्दा, चार लेबर कोड की आलोचना

विचार गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए सीपीएम जिला सचिव मंडल सदस्य विकास कुमार ठाकुर ने कहा कि मई दिवस केवल एक दिवस नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मजदूरों की मेहनत, संघर्ष और अधिकारों की गूंज है। उन्होंने शिकागो के ऐतिहासिक आंदोलन का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज अगर हमें आठ घंटे कार्यकाल का अधिकार मिला है, तो वह मजदूर शहीदों की कुर्बानी का ही नतीजा है। लेकिन आज के हालात में फिर से वही अधिकार छीने जा रहे हैं, मजदूरों से 12 से 14 घंटे काम लिया जा रहा है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चार लेबर कोड के जरिए श्रमिक अधिकारों को कुचलने की कोशिश की जा रही है, जिसका मजदूर वर्ग व्यापक विरोध कर रहा है। इसी के विरोध में 20 मई को प्रस्तावित केंद्रीय औद्योगिक हड़ताल को सफल बनाना जरूरी है।

महिला मजदूरों के हक़ की भी उठी आवाज़

कार्यक्रम की अध्यक्षता सूर्य कुमार सिंह ने की और महिला संगठन एडवा की नेत्री रानी मिश्रा ने कहा कि आज भी महिला श्रमिकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिल रहा है, जो लैंगिक भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने भी इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन तेज करने की बात कही।

मजदूर संगठनों का आह्वान: 20 मई की हड़ताल बनाएं ऐतिहासिक

राज नारायण तिवारी, नरेंद्र नाथ दास और राम लाल महतो ने विचार व्यक्त करते हुए श्रमिक अधिकारों में हो रही कटौती पर चिंता जताई और 20 मई को होने वाली हड़ताल को ऐतिहासिक बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में पिंटू चटर्जी, मुकेश कुमार, सविता देवी, उर्मिला टुडू, मो. शमीम, मनु गिरी, शिबू राय, सुरेंद्र पांडेय समेत दर्जनों कार्यकर्ता और मजदूर शामिल हुए।

निष्कर्ष

मजदूरों की एकता और संघर्ष से ही बचेगा संविधान और अधिकार

सिंदरी में मनाया गया मई दिवस न केवल मजदूरों के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाने वाला आयोजन रहा, बल्कि यह आने वाले संघर्षों की रूपरेखा तय करने वाला मंच भी साबित हुआ। वक्ताओं ने साफ किया कि जब तक मजदूरों को न्याय नहीं मिलेगा, जब तक शोषण जारी रहेगा, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। मजदूरों की एकता और चेतना ही संविधान और लोकतंत्र की असली ताकत है।