Jharia Election Result: झरिया विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की। सुबह साढ़े नौ बजे पहले राउंड की गिनती के बाद भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह ने बढ़त बनाई और अंत तक इसे कायम रखा। पहले ही राउंड में उन्होंने 2019 वोटों की बढ़त ली और हर राउंड में यह बढ़त बढ़ती गई। 17 राउंड की गिनती के बाद रागिनी सिंह ने कांग्रेस की प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह को 14,511 मतों से पराजित किया।
भाजपा की रणनीति बनी जीत की कुंजी
भाजपा के केंद्रीय नेताओं जैसे गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, और शिवराज सिंह चौहान ने झरिया में कैंप किया और घुसपैठ, हिंदुत्व और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठाया। चुनाव प्रचार के दौरान “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” जैसे नारों ने हिंदू वोटरों को भाजपा की ओर आकर्षित किया। चिराग पासवान ने दलित और पिछड़े वर्ग के बड़े वोट बैंक को साधा, जिससे भाजपा को लाभ मिला।
कांग्रेस की चुनौती रही अधूरी
कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा नीरज सिंह के पक्ष में झामुमो की कल्पना सोरेन और राजद के तेजस्वी यादव ने प्रचार किया, जिससे मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन कांग्रेस को मिला। लेकिन यह समर्थन भाजपा के वोट ध्रुवीकरण के सामने कमजोर साबित हुआ।
वोट प्रतिशत और पोस्टल बैलट का समीकरण
इस बार रागिनी सिंह को कुल 87,892 वोट मिले, जबकि पूर्णिमा नीरज सिंह 73,381 वोट ही जुटा सकीं। भाजपा का वोट शेयर 51.47% रहा, जबकि कांग्रेस का 42.97%।
2019 के चुनावों में कांग्रेस को 50.34% और भाजपा को 42.73% वोट मिले थे, लेकिन इस बार समीकरण पूरी तरह बदल गए।
छोटे दल और नोटा का प्रदर्शन
जेएलकेएम के प्रत्याशी रुस्तम अंसारी तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उनका वोट शेयर मात्र 2.96% रहा। अन्य छोटे उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले। इस बार नोटा को 1,908 वोट मिले, जो कई उम्मीदवारों से अधिक था।
झरिया विधानसभा में भाजपा की यह जीत न केवल मजबूत संगठन और प्रभावी प्रचार का परिणाम है, बल्कि मतदाताओं के बदले हुए रुझानों का भी संकेत देती है। सत्ता विरोधी लहर और हिंदुत्व के मुद्दे भाजपा की इस जीत में निर्णायक साबित हुए।