Jharkhand News: नई सरकार का शपथ ग्रहण 28 नवंबर को, तैयारियां तेज, हेमंत सोरेन चौथी बार लेंगे शपथ

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Jharkhand News: झारखंड की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर को सुबह 11:30 बजे रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चौथी बार शपथ लेंगे। इस अवसर पर विपक्षी गठबंधन INDIA के प्रमुख नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।

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बड़े नेताओं को न्योता

झामुमो (JMM) प्रवक्ता मनोज पांडे ने जानकारी दी कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, दीपंकर भट्टाचार्य समेत कई बड़े नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। माना जा रहा है कि यह समारोह झारखंड में एक बड़ा राजनीतिक आयोजन होगा।

10-11 मंत्री लेंगे शपथ

नई सरकार में 5:1 के फार्मूले के आधार पर मंत्रिमंडल का गठन होगा। यानी हर 5 विधायकों पर एक मंत्री। झामुमो से 6, कांग्रेस से 4 और राजद से 1 मंत्री शपथ लेंगे। शपथ लेने वाले संभावित मंत्रियों में जेएमएम से रामदास सोरेन, दीपक बिरुआ, मथुरा महतो, हफीजुल हसन, कांग्रेस से रामेश्वर उरांव, इरफान अंसारी और राजद से सुरेश पासवान का नाम लगभग तय है।

महिला और आदिवासी प्रतिनिधित्व पर जोर

जेएमएम कोटे से लुईस मरांडी को मंत्री बनाकर हेमंत सोरेन महिला, आदिवासी, क्रिश्चियन और संथाल समुदाय को साधने की कोशिश कर सकते हैं। वहीं, भवनाथपुर के विधायक अनंत प्रताप देव का नाम भी चर्चा में है, जिससे फारवर्ड वर्ग को प्रतिनिधित्व मिल सकता है।

शपथ ग्रहण समारोह में बड़े पैमाने पर तैयारियां

शपथ ग्रहण समारोह में झारखंड के दूरदराज इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की संभावना है। रांची के डीसी वरुण रंजन ने आयोजन स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों और विशिष्ट अतिथियों के कार्यक्रम में आने की उम्मीद है।

ऐतिहासिक जनादेश और सरकार का एजेंडा

23 नवंबर को घोषित चुनाव परिणाम में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 में से 56 सीटें जीतकर 41 के बहुमत के आंकड़े को 15 सीटों से पार कर लिया। झामुमो प्रवक्ता ने कहा, “झारखंड की जनता ने ऐतिहासिक जनादेश दिया है, और हम ऐतिहासिक कार्यकाल देंगे। राज्य के मुद्दों और झारखंडी अस्मिता को केंद्र में रखकर सरकार काम करेगी।”

केंद्र से सहयोग की उम्मीद, आंदोलन की चेतावनी

झामुमो ने केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद जताई है। हालांकि, प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यदि केंद्र सरकार झारखंड के बकाया धनराशि देने में आनाकानी करती है, तो पार्टी आंदोलनात्मक कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी।

झारखंड की राजनीति में नया अध्याय

झारखंड के इतिहास में यह पहली बार है जब कोई सरकार रिपीट हुई है। यह चुनाव नतीजे राज्य में स्थिरता और विकास की नई उम्मीदें लेकर आए हैं। शपथ ग्रहण के बाद नई सरकार झारखंड के विकास की दिशा में काम शुरू करेगी।