Katras News: कतरास में ब्राह्मण समाज ने श्रद्धा और उत्साह से मनाई परशुराम जयंती

कतरास में ब्राह्मण समाज ने श्रद्धा और उत्साह से मनाई परशुराम जयंती

कतरास में ब्राह्मण समाज ने श्रद्धा और उत्साह से मनाई परशुराम जयंती

Katras News: धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का मिला अद्भुत संगम

Katras News: सालासर बालाजी मंदिर परिसर में हुआ भव्य आयोजन

Katras News: कतरास में बुधवार को परशुराम जयंती 2025 के पावन अवसर पर ब्राह्मण समाज ने पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ भगवान परशुराम की जयंती मनाई। यह आयोजन सालासर बालाजी मंदिर परिसर में आयोजित किया गया, जहां भक्ति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। मंदिर परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया था और सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचने लगे थे।

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वैदिक रीति-रिवाजों से हुई विधिवत पूजा

कार्यक्रम की शुरुआत भगवान परशुराम के चित्र पर पुष्प अर्पण और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत पूजन से हुई। मुख्य यजमान के रूप में बबलू बनर्जी उपस्थित रहे। पूजन का संचालन आचार्य मुकेश पांडे और बाल्मीकि पाठक ने किया, जिन्होंने वैदिक विधियों से संपूर्ण अनुष्ठान को संपन्न कराया। पूजा-अर्चना में शामिल हुए सभी श्रद्धालुओं ने भगवान परशुराम के सिद्धांतों और शिक्षाओं को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

ब्राह्मण समाज की एकजुटता और संस्कृति की झलक

इस विशेष अवसर पर कतरास के ब्राह्मण समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समर्पण का परिचय दिया। सभी ने परशुराम जी के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा ली और अपनी परंपराओं को सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस धार्मिक आयोजन ने समाज में समरसता और संस्कारों के महत्व को फिर से उजागर किया।

गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे जिनमें मुकेश झा, सुरेश शर्मा, नीरज शर्मा, सुशील कुमार शर्मा, मिथिलेश शर्मा, अमरीश ठाकुर, लक्ष्मण झा, धीरज झा, आशीष चटर्जी, गोपाल चौबे, चंचल कुमार शर्मा, चेतन शर्मा, तरुण चटर्जी, विवेक हजारी, रविंद्र कुमार, हरिओम तिवारी और बबलू भट्टाचार्य प्रमुख रूप से शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने आयोजन को और भी गौरवपूर्ण बना दिया।

निष्कर्ष

परशुराम जयंती 2025 पर कतरास ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित यह धार्मिक कार्यक्रम न केवल अध्यात्मिक अनुभूति का माध्यम बना बल्कि सामाजिक एकता, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का सशक्त संदेश भी प्रसारित किया। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।