थाना सीमा विवाद: सीमांकन में अस्पष्टता और गलत बोर्डिंग से बढ़ रही है जोगता थाना क्षेत्र में असमंजस की स्थिति
थाना सीमा विवाद: जोगता और कतरास के सुनसान इलाकों में बढ़ रही असमंजस की समस्या
थाना सीमा विवाद: जिला धनबाद के जोगता और कतरास क्षेत्र में थाना सीमा को लेकर गहराता भ्रम स्थानीय नागरिकों के लिए एक बड़ी परेशानी बनता जा रहा है। सुनसान इलाकों में जब पुलिस थानों की सीमा स्पष्ट नहीं होती, तो किसी भी घटना या आपात स्थिति में लोग यह तय नहीं कर पाते कि किस थाना क्षेत्र के अंतर्गत सहायता के लिए संपर्क करें। खासकर जब सीमाओं पर कोई संकेत बोर्ड नहीं हो या गलत जानकारी वाला बोर्ड लगा हो, तब स्थिति और भी जटिल हो जाती है।
लोयाबाद और जोगता थाना क्षेत्रों को लेकर बढ़ती भ्रम की स्थिति
हिल टॉप आउटसोर्सिंग कंपनी का मामला इस विवाद की एक बड़ी मिसाल है, जहां पुराने रिकॉर्ड में यह क्षेत्र लोयाबाद थाना के अंतर्गत दर्शाया गया है, जबकि वर्तमान में इसे जोगता थाना क्षेत्र का हिस्सा बताया जा रहा है। इससे पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय में भी बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे आम जनता को मदद मिलने में देरी हो सकती है।
संकेत बोर्डों की अनुपस्थिति से जनता और पुलिस दोनों को हो रही दिक्कत
स्थानीय नागरिकों के अनुसार, सीमांकन स्पष्ट न होने के कारण कई बार पुलिस भी जिम्मेदारी से बचती दिखती है। एक थाने से दूसरे थाने भेजे जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे न केवल न्याय में देरी होती है बल्कि लोगों में असंतोष भी जन्म लेता है।
प्रशासन से स्पष्ट सीमांकन और संकेत बोर्ड लगाए जाने की मांग
जनहित में यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन जोगता, कतरास, और लोयाबाद जैसे सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में स्पष्ट सीमा चिन्हित करते हुए उचित संकेत बोर्ड लगाए। इससे न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली में भी पारदर्शिता और तेजी आएगी।
निष्कर्ष
थाना क्षेत्र की सीमाओं को लेकर स्पष्टता की कमी न केवल प्रशासनिक जटिलता को जन्म देती है, बल्कि आम जनता के लिए भी असुरक्षा की भावना बढ़ाती है। जोगता और आसपास के क्षेत्रों में संकेत बोर्डों की स्थापना और डिजिटल मैप अपडेट जैसे कदम जरूरी हैं, ताकि थाना सीमा विवाद खत्म होकर लोगों को सुलभ और समय पर सुरक्षा मिल सके।