Katras News: कतरास गढ़, 23 जनवरी 2025: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर कतरास गढ़ में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर उनकी अमूल्य सेवाओं और बलिदानों को श्रद्धांजलि दी गई। बंगाला विद्यालय रेलवे कॉलोनी में बियाडा के पूर्व अध्यक्ष विजय झा, झामुमो नेता राजेन्द्र प्रसाद राजा, परवेज इकबाल, इप्टा के बिष्णु कुमार और नारायण प्रजापति, पर्यावरणविद् उमेश ऋषि, जय मजूमदार और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
भारतीय क्लब में नेताजी की जयंती का उत्सव

भारतीय क्लब, कतरास गढ़ में नेताजी की जयंती समारोह क्लब के अध्यक्ष और लेखक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मृणाल की अध्यक्षता में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में क्लब के सदस्यों और आम नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। इप्टा कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए देशभक्ति गीत “कदम कदम बढ़ाए जा…” प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित लोगों में नई ऊर्जा का संचार किया।
नेताजी के योगदान पर चर्चा
डॉ. मृणाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान और उनके बलिदान पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे गांधी जी से मतभेद के चलते नेताजी ने कांग्रेस से अलग होकर विदेश यात्रा की और रास बिहारी बोस, सरदार अजीत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर भारत को आजाद कराने की रणनीति बनाई। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की कमान संभाली और “दिल्ली चलो” और “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” जैसे नारों से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।
नेताजी की जीवनी पर प्रकाश
पूर्व शिक्षक और कवि महादेव चटर्जी ने नेताजी की जीवनी पर चर्चा की और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने का संदेश दिया। समारोह में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी नेताजी के जीवन और योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए।
माल्यार्पण और श्रद्धांजलि
इस कार्यक्रम में राजेन्द्र प्रसाद राजा, नवनीत कुमार गुप्ता, मुन्ना सिद्दीकी, सुदाम गिरि, उमेश ऋषि, बाबू वर्मन, सुरेश कुमार यादव, प्रभात मिश्रा, जेडी बनर्जी, बिष्णु कुमार, नारायण प्रजापति, राजा चक्रवर्ती और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने माल्यार्पण कर नेताजी को श्रद्धांजलि दी।
नेताजी का नारा और प्रेरणा
“जय हिंद” का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे महानायक थे, जिन्होंने अपने अडिग साहस और रणनीति से ब्रिटिश शासन को चुनौती दी। उनकी 128वीं जयंती पर यह समारोह उनके विचारों को आगे बढ़ाने और नई पीढ़ी को उनके बलिदान से प्रेरणा लेने का संदेश देता है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श हमें सिखाते हैं कि देश के लिए त्याग और सेवा से बड़ी कोई चीज नहीं। जय हिंद!