Katras News || शहादत दिवस पर अमर शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि, शहीद अशफाक उल्ला खां की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण

Shahadat Diwas

Shahadat Diwas

Katras News || 19 दिसंबर 2024 का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों की याद में समर्पित है। डीएवी +2 विद्यालय, कतरास के सामने स्थित शहीद पार्क में अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर आयोजित सभा की अध्यक्षता शहीद भगत सिंह स्मारक समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद राजा ने की। बड़ी संख्या में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), इप्टा और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति से इस श्रद्धांजलि सभा को गौरवान्वित किया।

Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
WhatsApp Channel Join WhatsApp

स्वतंत्रता संग्राम में शहीदों का योगदान

शहीदों की वीरता और बलिदान का स्मरण
राजेंद्र प्रसाद राजा ने सभा को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के योगदान और संघर्षों को याद किया। उन्होंने अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, और राजेंद्र लाहिड़ी के बलिदानों की गाथा सुनाई। अशफाक उल्ला खां द्वारा अपनी मां को लिखे गए पत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों ने अपनी मातृभूमि के प्रति ईश्वर की अमानत को लौटाते हुए देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

अशफाक ने अपनी मां से लिखा था:
“मेरा वक्त कम है। फांसी के फंदे पर झूलकर रुख़सत हो जाऊंगा। लेकिन आप पढ़ी-लिखी मां हैं, ईश्वर ने मुझे आपकी गोद में दिया था। अब जब देश मेरी अमानत मांग रहा है, तो आपको इसमें खयानत नहीं करनी चाहिए। हंसते हुए इस देश के लिए ईश्वर की अमानत लौटा दें।”

उन्होंने अपने वकील को भी लिखा था कि फांसी के दिन वह देखें कि उनका मुवक्किल कितनी खुशी से फांसी के फंदे को चूमकर झूल रहा है। यह उनका देशभक्ति का अनोखा जज्बा था।

श्रद्धांजलि सभा के मुख्य वक्ता और उनके विचार

इस अवसर पर कई वक्ताओं ने अपनी भावनाएं प्रकट कीं और शहीदों के प्रति अपने सम्मान को व्यक्त किया। श्रद्धांजलि सभा को उमेश ऋषि, प्रभात मिश्रा, सुदाम गिरी, प्रफुल्ल मंडल, अमृत महतो, युधिष्ठिर बाउरी, रामदास भुईयां, बिष्णु कुमार, नारायण प्रजापति, धर्म कुमार, अरुण कुमार, चंदना कुमारी, सुमन कुमारी, बिनोद सिंह, कमरुद्दीन, मोहम्मद कमाल और अन्य साथियों ने संबोधित किया।

वक्ताओं ने शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेने और उनकी स्मृतियों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की बात कही।

शहीदों का संदेश हमेशा जीवित रहेगा

इस सभा ने न केवल शहीदों के प्रति आदर व्यक्त किया, बल्कि उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि आजादी के लिए किए गए बलिदान कभी नहीं भुलाए जा सकते। शहीद अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, और राजेंद्र लाहिड़ी जैसे क्रांतिकारियों की गाथाएं हमें सच्चे देशभक्ति का अर्थ सिखाती हैं।