Lairai Devi Temple Stampede | लइराई देवी मंदिर में भगदड़ से मचा कोहराम, 7 श्रद्धालुओं की मौत, 70 से अधिक घायल

लइराई देवी मंदिर में भगदड़ से मचा कोहराम

लइराई देवी मंदिर में भगदड़ से मचा कोहराम

Lairai Devi Temple Stampede | पारंपरिक शिरगांव जात्रा के दौरान हुआ हादसा, सीएम प्रमोद सावंत पहुंचे मौके पर

Lairai Devi Temple Stampede | प्रसिद्ध Lairai Devi Temple में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पारंपरिक शिरगांव जात्रा के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ की स्थिति बन गई। इस दर्दनाक घटना में अब तक कम से कम 7 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

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घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत स्वयं अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना।

Lairai Devi Temple में जात्रा के दौरान उमड़ी थी भीड़

हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रीगांव में आयोजित लइराई देवी की पारंपरिक जात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। यह जात्रा चैत्र मास में कई दिनों तक चलती है और इसमें भक्त दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलने, पवित्र झील में स्नान करने, व्रत रखने और शोभायात्रा में शामिल होने जैसे धार्मिक कार्यों में भाग लेते हैं।

भीड़ की अत्यधिक संख्या और व्यवस्था की कमी के चलते भगदड़ जैसी स्थिति बनी, जिसका कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। नॉर्थ गोवा एसपी अक्षत कौशल ने कहा कि मामले की जांच जारी है।

लइराई देवी मंदिर की मान्यताएं और परंपराएं

Lairai Devi को गोवा में एक शक्तिशाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर की विशिष्टता यह है कि यहां शराब, अंडा और मांस पूरी तरह से प्रतिबंधित है। गांव में किसी जानवर की हत्या तक नहीं की जा सकती और घोड़ों के प्रवेश पर भी रोक है। यह स्थान आध्यात्मिक आस्था और अनुशासन का केंद्र माना जाता है।

मुख्यमंत्री का संकल्प – दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि घायलों को हरसंभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है और यदि आयोजन समिति की कोई चूक पाई जाती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

🟢 निष्कर्ष

Lairai Devi Temple Stampede की यह घटना श्रद्धा और भक्ति से जुड़े एक आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक को उजागर करती है। ऐसी धार्मिक भीड़ में प्रशासन और आयोजन समिति की संयुक्त जिम्मेदारी होती है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। यह हादसा पूरे राज्य के लिए चेतावनी है कि श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है।