National Lok Adalat Recovery: नेशनल लोक अदालत में पहले दो घंटे में 1 अरब 9 करोड़ से अधिक की वसूली

नेशनल लोक अदालत में पहले दो घंटे में 1 अरब 9 करोड़ से अधिक की वसूली

नेशनल लोक अदालत में पहले दो घंटे में 1 अरब 9 करोड़ से अधिक की वसूली

National Lok Adalat Recovery: 2 लाख 40 हजार से अधिक मामलों का निपटारा, दुर्घटना पीड़िता को मिला 99 लाख रुपये मुआवजा

National Lok Adalat Recovery: न्यायिक व्यवस्था की ऐतिहासिक पहल बनी लोक अदालत

National Lok Adalat Recovery: धनबाद में आयोजित वर्ष 2025 की दूसरी नेशनल लोक अदालत ने न्यायिक इतिहास में एक नई उपलब्धि हासिल की है। नालसा के निर्देश पर आयोजित इस अदालत में शुरुआती दो घंटों के भीतर ही ₹1,09,37,14,556 की भारीभरकम वसूली की गई और 2,40,702 मामलों का समाधान किया गया। इस अद्वितीय पहल का उद्देश्य न केवल त्वरित न्याय सुनिश्चित करना था, बल्कि सामाजिक सौहार्द, सुलह और जनविश्वास को मज़बूत करना भी रहा।

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दुर्घटना पीड़िता को मिला न्याय, 99 लाख रुपये का मुआवजा मिला

मोटर दुर्घटना में अपने पति को खो चुकीं ब्रिजमणि शर्मा को इस लोक अदालत के माध्यम से ₹99 लाख का मुआवजा मिला। उनके पति प्रो. राजेंद्र प्रसाद शर्मा की 2019 में एक ऑटो दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। मुआवजा चेक मिलने के बाद ब्रिजमणि भावुक हो उठीं और कहा कि “डालसा ने उन्हें जीवन का नया सहारा दिया है।”

व्यापक पैमाने पर सुलह और समाधान, लाखों को राहत

अवर न्यायाधीश सह डालसा सचिव मयंक तुषार टोपनो ने जानकारी दी कि कुल 14 न्यायिक बेंचों ने इस लोक अदालत में हिस्सा लिया। 2,07,485 प्री-लिटिगेशन और 33,217 लंबित मुकदमे इस दौरान निपटाए गए। न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने, न्याय सुलभ बनाने और न्यायिक बोझ घटाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम रहा।

जनता को मिला सीधा लाभ: ऋण, प्रमाणपत्र और योजनाओं का वितरण

लोक अदालत में केवल न्याय ही नहीं, बल्कि योजनाओं का भी लाभ दिया गया।

  • शुभम सिंह को रेस्टोरेंट खोलने हेतु ₹50 लाख का लोन
  • बबीता देवी को मुर्गी पालन हेतु ₹20 लाख का लोन
  • मां इलेक्ट्रॉनिक्स को ₹10 लाख का ऋण समाधान
  • दो दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल, प्रमाणपत्र और योजना का लाभ
  • चार अनाथ बच्चों को ₹4000 प्रति माह की स्पॉन्सरशिप योजना के तहत चेक प्रदान किया गया।

न्यायाधीशों और प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग सराहनीय

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि लोक अदालत संविधान की मंशा के अनुरूप न्याय को आमजन तक पहुंचाने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि हर तीन महीने में ऐसी अदालतें लगाई जाती हैं ताकि लोग न्याय के लिए भटकने से बचें। अपर समाहर्ता विनोद कुमार और सीटी एसपी अजीत कुमार ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह व्यवस्था समय, धन और मानसिक शांति की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है।

मंच संचालन और सहयोग में जुटे रहे सभी अधिकारी

इस आयोजन में LADCS के सुमन पाठक और मुस्कान चोपड़ा ने मंच संचालन किया। विभिन्न न्यायिक पदाधिकारी, बार एसोसिएशन के अधिवक्ता, विधिक सेवक, और स्वयंसेवकों ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। सैकड़ों लोगों की उपस्थिति ने इसे एक सफल और जनकल्याणकारी आयोजन बना दिया।

निष्कर्ष

National Lok Adalat Recovery बनी न्याय और सहानुभूति का मंच

National Lok Adalat Recovery न केवल आर्थिक दृष्टि से बड़ी उपलब्धि रही, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी यह आयोजन उल्लेखनीय रहा। पीड़ितों को मुआवजा, अनाथ बच्चों को सहारा, दिव्यांगों को संसाधन और छोटे व्यापारियों को ऋण जैसी सहायता देकर लोक अदालत ने संवेदनशील न्याय का परिचय दिया। यह पहल न्यायिक प्रणाली में विश्वास को और मजबूत करती है और भविष्य में अधिक से अधिक लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित करेगी।